
बॉलीवुड फिल्मों के लिये कई गीत लिख चुके गीतकार जावेद अख्तर को RSS की तालिबान से तुलना करने के मामले में बड़ी राहत मिली है. मानहानि के इस मामले के शिकायतकर्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े वकील ने कोर्ट में दर्ज शिकायत वापस ले ली है. इस सुलह के बाद कोर्ट ने मुकदमा रद्द करते हुए जावेद अख्तर को बरी कर दिया है.
बता दें कि साल 2021 में एक इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से की थी. इसके बाद गीतकार के खिलाफ कई केस दर्ज किए गए थे. ऐसे ही एक मामले में मुंबई के वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर को नोटिस भेजकर उनसे बिना शर्त लिखित माफी मांगने की मांग की थी.
2022 में अदालत ने किया था तलब
अख्तर को भेजे गए नोटिस में वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने की धमकी दी थी. वकील ने कहा था कि वह गीतकार से 100 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगेंगे और उनसे अपने सभी बयान वापस लेने को भी कहेंगे. हालांकि, जब जावेद अख्तर ने ऐसा नहीं किया तो वकील संतोष दुबे ने मुलुंड मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज करा. कोर्ट ने 2022 में प्रक्रिया शुरू करते हुए जावेद अख्तर को तलब किया.
कमेंट से कम हुई वकील की प्रतिष्ठा
जावेद अख्तर ने मुंबई सत्र अदालत के समन को चुनौती दी. हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को 2023 में खारिज कर दिया. कोर्ट ने इस दौरान कहा कि जावेद अख्तर के RSS की तुलना तालिबान से करने के कारण संतोष दुबे की प्रतिष्ठा उनके दोस्तों और क्लाइंट्स के सामने कम हो गई है. संतोष इस विचारधारा का ही पालन करते हैं.
अदालत में पेश होने का था आदेश
अदालत के याचिका खारिज करने के बाद जावेद अख्तर को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना था, लेकिन कई स्थगन के बाद संतोष दुबे पिछले सप्ताह 8 नवंबर को अदालत के सामने पेश हुए और कहा कि 'मामला मध्यस्थता में पक्षों के बीच सुलझा लिया गया है.' इसलिए वह जावेद अख्तर के खिलाफ शिकायत वापस लेना चाहते हैं. दुबे की दलील के बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत का निपटारा कर दिया.