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अफवाह या साजिश की आग... देखते ही देखते कैसे सुलगा नागपुर, हिंसा के गुनहगार आखिर कौन?

नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर शुरु हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक हो गया. बजरंग दल और वीएचपी के प्रदर्शन के दौरान एक अफवाह के बाद पूरे शहर में तांडव मचा. दो घंटे तक उपद्रवी बेखैफ होकर आगजनी और पत्थरबाजी करते दिखे.

नागपुर में भड़की हिंसा (फोटो- PTI) नागपुर में भड़की हिंसा (फोटो- PTI)
आजतक ब्यूरो
  • मुंबई,
  • 18 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

एक अफवाह और जल गया पूरा शहर. बीती शाम महाराष्ट्र का नागपुर शहर दो घंटे तक जलता रहा. औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर शुरु हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक हो गया. बजरंग दल और वीएचपी के प्रदर्शन के दौरान एक अफवाह के बाद पूरे शहर में तांडव मचा. दो घंटे तक उपद्रवी बेखैफ होकर आगजनी और पत्थरबाजी करते दिखे. पुलिस और गाड़ियों को निशाना बनाया गया. पूरे मामले पर महाराष्ट्र सदन में जमकर हंगामा मचा.

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नागपुर हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान आया है. फडणवीस ने नागपुर हिंसा का पूरा ब्यौरा विधानसभा में दिया. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से 3 डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. एक पुलिसकर्मी पर तो कुल्हाड़ी से भी हमला किया गया था. इस पूरी घटना के संबंध में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं. 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्य है. कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए SRPF की 5 टुकड़ियां तैनात की गई हैं.

एक अफवाह से भड़की हिंसा

दरअसल नागपुर में शाम को एक अफवाह ने तूल पकड़ लिया, जिसमें यह कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी गई चादर पर धार्मिक चिन्ह था. इसी अफवाह के कारण मामला गरमाया और हिंसा की घटनाएं हुईं.

क्या बोले सीएम फडणवीस

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इस हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हिंसा में 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और घटना स्थल पर 80 से 100 लोगों का जमावड़ा था. हिंसा की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक क्रेन और दो जेसीबी समेत चार पहिया वाहनों को जलाया गया. इसके अलावा कुछ लोगों पर तलवार से भी हमला किया गया.

नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र सरकार सख्त है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा को साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि एक प्लानिंग के तहत इस हिंसा को अंजाम दिया गया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जो लोग भी इस हिंसा में शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और उनपर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

नागपुर हिंसा पर सियासी दलों में जुबानी जंग तेज हो गई है. शिवसेना UBT और बीजेपी नेता आमने-सामने हैं.

'नागपुर RSS का गढ़ है'

यूबीटी सेना नेता संजय राउत का कहना है कि RSS हेडक्वार्टर नागपुर में है. नागपुर RSS का गढ़ है. मोहन भागवत वहां बैठते हैं. फडणवीस नागपुर से आते है. वहां कौन दंगे कराएगा? उनके ही लोग होंगे दंगा करवाने वाले. हिन्दुओं पर अपने ही लोगों से दंगा करवा दिया इन लोगों ने. हिन्दुओं को डराकर सिर्फ हिंसा की तरफ ले जा रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार औरंगजेब का नाम लेकर हिन्दू लोगों को डराना चाहती है.

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'माहौल खराब करने की हो रही कोशिश'

नागपुर हिंसा पर यूबीटी सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, यह पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है. नागपुर सीएम और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह क्षेत्र है, उन्होंने ऐसे अक्षम मंत्री को संरक्षण दिया है. जिसने ऐसी स्थिति को भड़काया है. माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है, ताकि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाए और दूसरे राज्यों को इसका फायदा मिले.

मिलिंद देवड़ा ने हिंसा पर बोलते हुए कहा, साल 2022 में एनडीए के सत्ता में वापस आने के बाद से महाराष्ट्र में एक भी दंगा नहीं हुआ है. सरकार गरीबों के हित में योजनाएं चला रही है, लेकिन कुछ निराश तत्व अशांति भड़का रहे हैं. मैं नागपुर के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस का सहयोग करें. हिंसा को बढ़ावा देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश रामदास कदम ने कहा है कि मामले की जांच चल रही है. 47 लोगों को डिटेन किया है. पुलिसकर्मी जख्मी हैं. मूल कारण हम खोज रहे हैं कि आखिर हिंसा क्यों फैली. जिसने भी ये नुकसान किया है उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. 

नागपुर पुलिस कमिश्नर रवींद्र सिंघल ने उन आरोपों को खारिज कर दिया है जिसमें नागपुर सेंट्रल के बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने आरोप लगाया था कि नागपुर पुलिस हिंदुओं के साथ खड़ी नहीं दिखी. पुलिस कमिश्नर का कहना है कि 33 पुलिसवाले जख्मी हुए हैं.. पुलिसवालों ने अच्छा काम किया है.

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अबतक 50 लोग गिरफ्तार

आपको बता दें कि औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच पहले नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम दो गुटों में हिंसक झड़प हुई. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. पत्थरबाजी से 25 से 30 पुलिसकर्मियों के घायल हो गए हैं. फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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