
उत्तर प्रदेश के हाथरस में घटी घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. इसी घटना के साथ ही विपक्ष की ओर से यूपी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया गया. कभी भाजपा की साथी रही शिवसेना भी इस मसले पर हमलावर है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इस मसले को उठाया है.
सामना में लिखा गया कि बेटी बचाओ के नारों के बीच एक बेटी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई. हिंदू लड़कियों को अगवा करके बलात्कार करने की घटनाएं पाकिस्तान में होती हैं, यही सब अब उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुआ. राहुल गांधी से धक्का-मुक्की की गई, ये कैसी आजादी है. एक नटी (अभिनेत्री) के लिए एक कानून, बेटी के शरीर का अपमान करके जला दिया जाता है.
सामना में लिखा गया कि मुंबई में एक अभिनेत्री द्वारा बनवाया गया अवैध कार्यालय तोड़ा, इस वजह से जिन्हें न्याय, अन्याय, महिलाओं पर अत्याचार की हिचकी आई, वे सभी लोग हाथरस पीड़िता की अवैध ढंग से जलाई गई चिता के मामले में ठंडे हैं. उसके लिए कोई कैंपेन नहीं चला, क्योंकि वो स्टार नहीं थी.
ऐसी घटनाएं पाकिस्तान में होती हैं
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सामना में लिखा गया कि यह सब योगी के रामराज्य मतलब उत्तर प्रदेश में हुआ, ऐसी घटना बीच-बीच में पाकिस्तान में होती रहती है. हिंदुओं की लड़कियों को जबरदस्ती अगवा कर, बलात्कार करके उन्हें मारकर फेंक दिया जाता है. हाथरस में अलग क्या हुआ? लेकिन अभी तक तो हाथरस को कोई पाकिस्तान कहता हुआ नहीं दिखा.
शिवसेना ने आरोप लगाया कि इस तरह की घटना महाराष्ट्र जैसे राज्य में हुई होती तो इतने में सरकार बर्खास्तगी की, राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग हो ही गई होती. राष्ट्रीय महिला आयोग निश्चित तौर पर क्या चीज है, यह समझ में नहीं आता है. महिला आयोग हाथरस प्रकरण में चुप बैठा है. हाथरस की बलात्कार पीड़िता का आक्रोश दिल्ली तक पहुंचने के बाद भी कुछ नहीं किया है.
शिवसेना में तंज कसते हुए लिखा गया कि उत्तर प्रदेश में ‘रामराज्य’ है ही, वहां अब एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी बनाई जा रही है. इसलिए फिल्म जगत की कई रानियां-महारानियां आगे से लखनऊ, कानपुर में ही रहने जाएंगी. इनमें से किसी रानी ने ‘योगीराज’ को पाकिस्तान अथवा जंगलराज की उपमा दी तो वहां के भाजपा के कार्यकर्ता संयम बरतेंगे और किसी रानी का अवैध निर्माण तोड़ने के लिए सरकारी लाव-लश्कर नहीं भेजेंगे.
याद दिलाया दिल्ली का निर्भया कांड
सामना में दिल्ली के कांड को भी याद कराया गया, जब भाजपा विपक्ष में थी. वर्ष 2012 में दिल्ली में निर्भया कांड हुआ तब संपूर्ण भाजपा सड़क पर उतर गई, संसद बंद करवा दी थी. मीडिया ने निर्भया के लिए ‘न्याय’ देने वाला तंत्र ही खड़ा कर दिया था. निर्भया तब सभी की बहन और बेटी बन गई. फिर हाथरस की कन्या ‘अस्पृश्य’ क्यों रह गई? या वह दलित होने के कारण न्याय से वंचित रह गई?
आपको बता दें कि इससे पहले भी सामना में हाथरस कांड को लेकर यूपी सरकार को घेरा गया था, साथ ही विपक्ष के साथ की गई बदसलूकी पर सवाल खड़े किए गए थे.