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शिरडी में आया इतना चढ़ावा, कारोबारी बोले- कहीं वजन से गिर न जाए बिल्डिंग!

शिर्डी के साईं मंदिर में आया चढ़ावा फिर से चर्चा में है. साढ़े तीन से चार करोड़ रुपये के सिक्के रखने की जगह न तो बैंक के पास है और न ही ट्रस्ट के पास. बैंक की बिल्डिंग के नीचे काम करने वाले कारोबारी भी डरे हुए हैं, उन्हें ऐसा लगता है कि कहीं सिक्कों के वजन से बिल्डिंग कहीं गिर न जाए.

शिरडी साईं बाबा के चढ़ावे में आए सिक्कों को रखने की जगह नहीं शिरडी साईं बाबा के चढ़ावे में आए सिक्कों को रखने की जगह नहीं
नितिन मिराणे
  • शिरडी ,
  • 20 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:47 PM IST

देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार शिर्डी के साईं मंदिर में चढ़ावा फिर से चर्चा में है. मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां करोड़ों रुपयों का दान करते हैं. मगर, इस बार यह चढ़ावा ट्रस्ट के लिए सिरदर्द बन गया है. दरअसल, हजारों किलो वजन के सिक्कों से साई मंदिर ट्रस्ट और बैंक परेशान हैं.

बैंक प्रशासन का कहना है कि अब ग्राहक सिक्के नहीं लेते. अब इन्हें रखने की जगह भी कहीं नहीं है. बताया जा रहा है कि साढ़े तीन से चार करोड़ रुपये के सिक्के रखने की जगह न तो बैंक के पास है और न ही ट्रस्ट के पास.  

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चढ़ावे में आए सिक्कों से परेशान हुआ बैंक और साईं ट्रस्ट 

साईबाबा मंदिर ट्रस्ट शिरडी के एक्टिंग सीईओ राहुल जाधव का कहना है कि साई मंदिर में भक्त एक रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक दान करते हैं. हफ्ते में दो बार कैश की काउंटिंग होती है और सिक्कों को विभिन्न बैंकों में जमा किया जाता है.

मगर, बैंक हजारों किलो वजन के सिक्के जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं. पिछले काफी सालों से चढ़ावे में आई रकम को 13 विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा की जाती है. अब बैंकों के पास सिक्कों को रखने की जगह नहीं बची है.  

चढ़ावे में आए सिक्कों से परेशान हुआ बैंक और ट्रस्ट

कारोबारी डरे कहीं सिक्कों के वजन से गिर न जाए बिल्डिंग

इस मामले पर सीईओ राहुल जाधव ने बताया कि कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि जिले के अन्य बैंकों में अकाउंट खोले जाएंगे. ऐसा करने से थोड़ा रिलीफ मिलेगा. हमने RBI से भी  गुजारिश की है कि सिक्कों का प्रॉब्लम सॉल्व करें.

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बताया जा रहा है कि सिक्कों से ट्रस्ट और बैंक ही परेशान नहीं है. बल्कि बैंक की बिल्डिंग के नीचे काम करने वाले कारोबारी भी डरे हुए हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि कहीं सिक्कों के वजन से बिल्डिंग गिर न जाए. जल्द से जल्द इन सिक्कों यहां से हटाने की जरूरत हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ऑनलाइन पेमेंट की वजह से अब सिक्कों का चलन कम हुआ है.  

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