
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े को बॉम्बे हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 8 जून की रखी है और तब तक समीर वानखेड़े की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं और जब भी जांच होगी तो बुलाए जाने पर याचिकाकर्ता को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना होगा. कोर्ट ने 19 मई के आदेश को आगे बढ़ाया और सीबीआई से वानखेड़े के खिलाफ कोई सख्त एक्शन ने लेने को कहा. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कोई भी व्हाट्सएप चैट पब्लिश न करे और किसी भी मीडिया या किसी अन्य व्यक्ति को प्राथमिकी की विषय वस्तु के बारे में न बताए.
जस्टिस अभय आहूजा और जस्टिस एमएम साथाये की पीठ के समक्ष समीर वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई की गई. समीर वानखेड़े की तरफ से वकील आबाद पोंडा उपस्थित हुए जबकि सीबीआई की तरफ से एडवोकेट कुलदीप पाटिल ने पैरवी की.समीर वानखेड़े को सीबीआई ने बुधवार को फिर तलब किया है.
समीर वानखेड़े के वकील ने कहा कि एनसीबी ने आज एफिडेविट दिया है और मुझे जवाब देने के लिए समय चाहिए. वहीं सीबीआई के वकील ने पाटिल ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम राहत जारी रखने पर आपत्ति जताई. उन्होंने एक हलफनामा पेश किया जिसमें कहा गया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत मंजूरी 21 दिनों के भीतर थी. एक लंबी जिरह के बाद कोर्ट ने पोंडा ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दे दिया.
समीर वानखेड़े के वकील ने कहा, 'वे 2021 से इस मामले की जांच कर रहे हैं. छुट्टी के दौरान मई 2023 में प्राथमिकी दर्ज की गई लेकिन लेकिन एसईटी का गठन 2021 में हुआ था. यह मामला 2021 में दर्ज एक मामले का है... मामला आपसी रंजिश का है. मैंने कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार किया है. वे मुझ पर पलटवार कर रहे हैं औऱ मैं सामना करने के लिए तैयार हूं. मेरे खिलाफ मामला है कि मैंने फलां शख्स से पैसे मांगे. लेकिन मेरे पास फलां के साथ चैट है जो प्रमाणित करता है कि उसने कुछ भी नहीं मांगा. इसलिए चैट अटैच की गई (किसी का नाम नहीं लिया).
सीबीआई के वकील एडवोकेट कुलदीप पाटिल ने कहा, जिस पिता का बेटा हिरासत में था, उसके अनुरोध को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. उनके बेटे को चार्जशीट नहीं किया गया था. आज हम इस मुद्दे पर हैं कि उसे गिरफ्तार किया जाए या नहीं... हम जांच कर रहे हैं. अगर हम गिरफ्तार करते हैं तो हम कारण बताएंगे. हमने उसे गिरफ्तार करने की जल्दबाजी नहीं की. हमने उसे नोटिस दिया. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच के लिए 17 ए लागू है, यह अनुशासनात्मक पूछताछ पर लागू नहीं होता है.
एनसीबी के वकील ने कहा, 'हमने एसआईटी का गठन किया क्योंकि स्वतंत्र गवाह की शिकायत थी. उन्होंने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी और बाद में सीबीआई इसमें शामिल हो गई. सीबीआई का कहना है कि वह दो हफ्ते में जवाब दाखिल करेगी.