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कपिल मिश्रा पर भड़के संजय राउत, बोले- बांद्रा की घटना को दे रहे सांप्रदायिक रंग

शिवसेना नेता संजय राउत ने कपिल मिश्रा पर निशाना साधा है. कपिल मिश्रा ने बांद्रा में मजदूरों के इकट्ठा होने पर एक ट्वीट किया था, जिसे संजय राउत ने सांप्रदायिक बताया है, साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस से अनुरोध किया है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो.

शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो- PTI) शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST

  • मजदूरों के इकट्ठे होने पर सियासत लगातार जारी
  • महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा पर हमला बोला है. संजय राउत ने कपिल मिश्रा पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया है, साथ ही यह भी कहा है कि कपिल मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी बात नहीं मान रहे हैं.

संजय राउत ने कहा, 'कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम सबको एकजुट होना चाहिए लेकिन कपिल मिश्रा जैसे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी नहीं सुन रहे हैं, बांद्रा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं. मुंबई पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए.

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दरअसल कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट में मुंबई में जुटी भीड़ पर सवाल उठाए थे. कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा था, तीन कड़वे सवाल. अगर घर जाने वाले मजदूरों की भीड़ तो इनमें से किसी के पास भी बड़े बैग, थैले, सामान क्यों नहीं. भीड़ जामा मस्जिद के पास सामने क्यों? महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक का लॉकडाउन पहले से ही घोषित था तो आज हंगामा क्यों? यह साजिश है.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के ऐलान के बाद सोमवार को भारी संख्या में प्रवासी कामगार मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा इलाके में अचानक इकट्ठा हो गए. प्रवासी कामगार सड़कों पर उतर आए और गृह राज्य भेजे जाने की मांग करने लगे. मजदूरों के इकट्ठे होने के बाद अचानक से सियासी बयानबाजी तेज हो गई.

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महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2801 पर पहुंच गई है. मुंबई से कुल 66 संक्रमित मरीज सामने आए हैं. बीते 12 घंटे में 117 नए मामले सामने आए हैं. ऐसे में इतने व्यापक स्तर पर एकजुट भीड़ जाहिर तौर पर राज्य और केंद्र सरकार की चिंता बढ़ाने वाली है.

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लॉकडाउन महाराष्ट्र में पहले 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था. कोरोना वायरस के इलाज के लिए अब तक किसी प्रभावी वैक्सीन की खोज नहीं हो सकी है. दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति है. अमेरिका, इटली, ईरान और स्पेन में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा दिया है. लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले देश की भी चिंता बढ़ाने वाले हैं. ऐसे में लॉकडाउन की ही सुरक्षा का अच्छा उपाय माना जा रहा है.

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यूपी और बिहार के हैं ज्यादातर मजदूर

गौरतलब है कि मुंबई की सड़कों पर अपने घर लौटने की मांग कर रहे मजदूरों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं. ये लोग रोजी-रोटी के लिए मुंबई में रह रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद कारोबार पूरी तरह से बंद है. ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों का रोजगार छूट गया है और खाने-पीने की दिक्कत सामने आ रही है. ऐसे में ये अपने घरों को वापस जाना चाहते हैं. इसीलिए मुंबई के मजदूरों के उतरने को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.

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