
शिवसेना सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में बुधवार को जमानत मिल गई. राउत जैसे ही मुंबई के आर्थर रोड जेल से बाहर निकले, उन्होंने सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया. इंडिया टुडे से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि यह दोनों नेताओं के बीच एक भावनात्मक बातचीत थी. राउत ने कहा, 'जब उद्धव ठाकरे ने मेरी आवाज सुनी तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. मेरी भी आंखों में आंसू थे.'
उन्होंने कहा कि उनकी वफादारी उद्धव ठाकरे के साथ है. राउत ने कहा, 'मैं बालासाहेब ठाकरे का अनुयायी हूं और मैं कभी भी पार्टी नहीं छोड़ूंगा. आज जो आप सड़कों पर देख रहे हैं वह बालासाहेब का जादू है. मैं एक शिवसैनिक हूं और अंत तक रहूंगा'
बता दें कि संजय राउत 90 दिनों से ज्यादा समय से सलाखों के पीछे थे. जेल से निकलकर उन्होंने कहा न्यायपालिका में मेरा विश्वास अब बढ़ गया है. मुझे झूठे आरोपों में सलाखों के पीछे डाला गया और मैं शुरू से ही यह कहता रहा हूं. यह मेरे परिवार के सदस्यों के लिए एक दर्दनाक अनुभव था.
हमने इस साल दिवाली नहीं मनाई- संजय राउत के भाई
संजय राउत के परिवार के सदस्य उनकी जमानत अर्जी पर फैसला सुनाने के लिए अदालत में जमा हुए थे. ऐसे में संजय के भाई सुनील राउत ने कहा, हमने इस साल दिवाली नहीं मनाई. लेकिन आज हमारे पास होली और दिवाली दोनों मनाने का कारण है. जिन लोगों को लगा कि उन्हें जेल भेजने से उनका संकल्प कमजोर हो जाएगा, उन्हें पता होना चाहिए कि वह अब पहले से ज्यादा मजबूत हो जाएंगे. सुनील राउत ने आर्थर रोड जेल के गेट पर अपने भाई की अगवानी की. साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिवसेना सांसद की रिहाई का जश्न मनाने के लिए पटाखे फोड़े.
'पूरा राज्य कर रहा इंतजार'
घर जाते समय संजय राउत ने कहा कि घर पर न सिर्फ उनकी मां इंतजार कर रही हैं बल्कि पूरा राज्य इंतजार कर रहा है और राजनीतिक लड़ाई फिर से शुरू होगी.