
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने संजय राउत पर हमला किया है. संजय निरुपम ने कहा कि संजय राउत को रोज रोज प्रेस कांफ्रेंस लेने का शौक है. वो शौक पालिए मगर वो कांग्रेस के खिलाफ बोलने के लिए नहीं होना चाहिए. ना तो सामना का प्रयोग कांग्रेस को टारगेट करने के लिए होना चाहिए और न ही किसी प्रेस कांफ्रेंस का प्रयोग इसके लिए होना चाहिए. उन्होंने कहा, हमने देखा कि किस तरह से सामना में लिख लिख कर भाजपा के साथ गठबंधन टूट गया और शिवसेना की दुर्गति हुई. अब उनको कांग्रेस के साथ ये करने से बचना चाहिए.
कांग्रेस को कम करके नहीं आंका जा सकता
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि कांग्रेस को बाहर रख कर सीट शेयरिंग की चर्चा हो सकती है तो मैं कहना चाहूंगा कि कांग्रेस के बिना MVA और इंडिया अलायन्स दोनों का ही कोई अर्थ नहीं बचेगा. कांग्रेस को मुंबई में या कहीं भी काम करके नहीं आंका जा सकता.
'कांग्रेस शून्य नहीं है'
संजय निरुपम ने कहा कि हमारी पार्टी को शून्य पार्टी उस व्यक्ति ने कहा जिसने कभी खुद एक प्रखंड का चुनाव भी नहीं लड़ा. अच्छी बात ये है कि उन्हें बहुत जल्दी अपनी गलती का अहसास हो गया. संजय राउत राष्ट्रीय नेता हैं. कल जो उन्होंने बयान दिया आज उन्हें उसके बारे में अहसास हुआ कि कांग्रेस शून्य नहीं है. गठबंधन एक सांझा चूल्हा होता है. वहां एक दूसरे का ध्यान रखना होता है.
'चेक द्वारा रिश्वत लेने का आरोपी'
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे क्षेत्र में एक शिवसेना नेता को पुचकारा जा रहा है कि तुम्हें लोकसभा की उम्मीदवारी दी जायेगी. जबकि वह व्यक्ति खिचड़ी घोटाले में चेक द्वारा रिश्वत लेने का आरोपी है. वो जेल भी जा सकता है तो क्या शिवसेना उसे जेल में रहते हुए उम्मीदवारी देना चाहती है ? हम जिन बालासाहेब के शिष्य हैं उन बालासाहेब ठाकरे को पार्टी की ऐसी लाचारी ? गठबंधन और सीट शेयरिंग की चर्चा शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस से बंद दरवाजे के भीतर करनी चाहिए.
'किसकी कौन सी फाइल कब बाहर आयेगी पता नहीं'
संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के जो सांसद चुन कर आए थे उनमें से ज्यादातर भाग चुके हैं , जो बचे हैं कब तक बचे रहेंगे पता नहीं. किसकी कौन सी फाइल कब बाहर आयेगी पता नहीं. हमारे प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को गली मोहल्ले का नेता बताने से भी उन्हें बाज आना चाहिए, क्योंकि कल हमारे इन्हीं नेताओं के साथ एक मंच से उन्हें चुनाव प्रचार करना है.
'कांग्रेस की मदद के बिना एक भी संसद चुन कर नहीं आ सकता'
उन्होंने कहा, मैने कल भी कहा था कि अपने बल पर शिवसेना का एक भी उम्मीदवार चुन कर नहीं आ सकता. आज भी में दोहराता हूं कि कांग्रेस की मदद के बिना शिवसेना का एक भी संसद चुन कर नहीं आ सकता. ऐसे ही कांग्रेस के लिए भी ये सच्चाई है कि हमारी भी कोई सीट शिवसेना की मदद के बिना नहीं आयेगी ये भी जमीनी हकीकत है.
प्रकाश अंबेडकर अगर हमारे साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है पर उन्हें अपनी सीटों की जो बड़ी शर्त है वो साइड में रख कर आना होगा.तब हमारे पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर अंतिम फैसला लेंगे.