
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच प्रवर्तन निदेशालय के समन से नया भूचाल आ गया है. दरअसल, ईडी ने पात्रा चॉल भूमि घोटाले में शिवसेना सांसद संजय राउत को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है. वहीं, इसे लेकर शिवसेना, कांग्रेस से लेकर टीएमसी तक बीजेपी पर हमलावर हो गई हैं. उधर, संजय राउत ने कहा है कि उनका सिर भी कलम कर दिया जाए, तब भी वे गुवाहाटी का रास्ता नहीं लेंगे.
संजय राउत ने भी ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मुझे पता चला है कि ईडी ने समन भेजा है. अच्छा है. महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे हैं. हम बाला साहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. यह मुझे रोकने के लिए बड़ी साजिश है. अगर मेरा सिर भी कट जाए, तब भी मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं लूंगा.
केंद्र पर हमलावर हुईं पार्टियां
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, भाजपा से परम भक्ति का सबसे बड़ा उधारण पेश करती हुई ED डिपार्टमेंट.
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ED के कार्यालय का नाम बदलकर BJP कार्यालय रख देना चाहिये. संजय राउत जी ने कोई गुनाह किया तो ED अब तक सो क्यों रही थी? क्या ED को MLA किड्नैपिंग गैंग (भाजपा) ने आदेश दिया है ?
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ईडी की कार्रवाई दिल्ली से सुनियोजित है. हम अगली रणनीति के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
टीएमसी पार्टी के नेता साकेत गोखले ने ट्वीट कर कहा, अनुमान के मुताबिक, ईडी ने अभी शिवसेना सांसद संजय राउत और नेता को समन जारी किया है. उन्हें कल पूछताछ के लिए बुलाया गया है. यह विडंबना ही है कि मोदी कितनी बेशर्मी से इमरजेंसी की बात करते हैं, जब उनकी सरकार खुले तौर पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और सरकारों को गिराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही हैं.
बीजेपी ने कहा- हिसाब तो देना पड़ेगा
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ट्वीट किया, मेरी मां, पत्नी और मेरे बेटे और मुझे जेल भेजने की साजिश नाकाम रही. हमें धमकी दो, गाली दो लेकिन हिसाब तो देना पड़ेगा.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने ट्वीट किया, शिवसेना की शक्ति अब अतीत की बात है. युवराज को धमकी देना बंद कर देना चाहिए, जो अपने शरीर पर बैठे मच्छरों को भी नहीं मार सकते. 'गुवाहाटी के होटल से बाहर निकलेंगी विद्रोहियों की लाशें', जैसे बयानों पर कौन विश्वास करेगा. क्या ऐसी धमकी देना अपराध नहीं है?