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SC ने मुंबई के स्कूल की इमारत गिराने की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार किया

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस ऐ एम खानविलकर की बेंच ने कहा 'हमे हैरानी है कि आखिर बिना डिजाइन पास हुए इस इमारत का निर्माण कैसे होने दिया गया. डिजाइन का पास होना तो जरूरी शर्त है.

प्रियंका झा/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2016,
  • अपडेटेड 5:33 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने वृहद मुंबई में मौजूद सेंट थॉमस स्कूल की इमारत को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. स्कूल ने कोर्ट से मांग की थी वृहद मुंबई नगर निगम को स्कूल की इमारत तोड़नेसे रोका जाए ताकि स्कूल में पढ़ने वाले 3100 बच्चों को मुश्किल से बचाया जा सके.

नगर निगम स्कूल की इमारत को तोड़ रही है क्योंकि ये अवैध तरीके से बनाई गई और असुरक्षित है. स्कूल की इमारत एक बड़े नाले से लगी हुई है और अवैध तरीके से बनाई गई है.

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मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस ऐ एम खानविलकर की बेंच ने कहा 'हमे हैरानी है कि आखिर बिना डिजाइन पास हुए इस इमारत का निर्माण कैसे होने दिया गया. डिजाइन का पास होना तो जरूरी शर्त है.

वृहद मुंबई के दहिसर (पूर्व) में स्थित सेंट थॉमस स्कूल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी की उसे 1 साल का वक्त दिया जाए ताकि इस दौरान वो स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट कर सके. बेंच ने 2 हफ्ते के लिए भी स्कूल को गिराने की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि 'स्कूल की इमारत को गिराने के लिए एक मानसून की बारिश काफी है.' मुंबई में मानसून की बारिश के बारे में बताते हुए जस्टिस खानविलकर ने ये टिप्पणी की.

स्कूल मैनेजमेंट ने कोर्ट को बताया कि 1988 से ये स्कूल चल रहा है. इसमें समाज के कमजोर वर्ग के बच्चे काफी संख्या में पढ़ते हैं. स्कूल की आधी बिल्डिंग निगम पहले ही तोड़ चुका है. बाकि की इमारत को तोड़ने पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की मांग स्कूल कर रहा था ताकि स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप तुरंत कोई दूसरी इमारत में स्कूल को शिफ्ट करें.

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कोर्ट ने स्कूल की एक न सुनी
स्कूल ने कोर्ट को बताया की नई जगह स्कूल की बिल्डिंग एप्रूव्ड प्लान से बन रही है लेकिन उसमे अभी समय लगेगा. कुछ समय दे दिया जाए ताकि स्कूल को शिफ्ट किया जा सके लेकिन कोर्ट ने इजाजत नहीं दी.

हाईकोर्ट ने भी स्कूल की अर्जी खारिज कर दी थी
8 जून 2016 को हाईकोर्ट ने स्कूल की अर्जी खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने भी कहा था कि स्कूल की इमारत गिराने की कार्रवाई पर रोक नहीं लगेगी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में स्कूल प्रशासन ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट से भी स्कूल को कोई राहत नहीं मिली ऐसे में स्कूल के 3100 बच्चों के लिए जल्द से जल्द दूसरी इमारत की खोज स्कूल को करनी होगी.

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