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Shakti Mills gangrape case: बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला, दोषियों की मौत को उम्रकैद में बदला

Shakti Mills Gang Rape Case Verdict: शाक्ति मिल गैंगरेप केस में दोषी ठहराए गए 3 दोषियों की मौत की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है।

जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पीके चव्हाण ने शक्ति मिल गैंगरेप मामलों में फैसला सुनाया. जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पीके चव्हाण ने शक्ति मिल गैंगरेप मामलों में फैसला सुनाया.
विद्या
  • मुंबई,
  • 25 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST
  • शक्ति मिल गैंगरेप केस में बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
  • दोषी ठहराए गए 3 लोगों की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को साल 2013 के शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामलों  (Shakti Mills Gang Rape Cases) में अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोषी ठहराए गए 3 लोगों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. दोषियों को अब अपनी बाकी जिंदगी सलाखों के पीछे बितानी होगी और इस दौरान पैरोल या फरलो के हकदार नहीं होंगे. उनका पूरा जीवन जेल में बीतेगा ताकि वे कभी भी समाज के साथ न मिलें। जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पीके चव्हाण ने यह फैसला सुनाया.

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शक्ति मिल गैंगरेप के दो मामले थे. 22 साल की फोटो-जर्नलिस्ट ने अगस्त 2013 में एक नाबालिग सहित पांच लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. बाद में एक और 19 वर्षीय टेलीफोन ऑपरेटर के साथ भी उसी परिसर में सामूहिक बलात्कार हुआ, जिसमें पीड़िता ने भी एक नाबालिग सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया गया. दो सामूहिक बलात्कारों में तीनों दोषी एक ही हैं.

फोटो जर्नलिस्ट गैंगरेप केस में 5 दोषी
मार्च 2014 में, विजय मोहन जाधव, कासिम बंगाली और मोहम्मद सलीम अंसारी को मुंबई सेशन कोर्ट ने आईपीसी की धारा 354B (हमला), 377 (अप्राकृतिक अपराध) और 376D (सामूहिक बलात्कार) के तहत दोषी ठहराया था. जबकि सिराज रहमान खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि किशोर न्याय बोर्ड द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद एक नाबालिग को सुधार गृह  के लिए भेजा गया था.

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टेलीफोन ऑपरेटर गैंगरेप में भी दोषी
इसके बाद विजय मोहन जाधव, कासिम बंगाली और मोहम्मद सलीम अंसारी को उसी इलाके में 19 साल की टेलीफोन ऑपरेटर के बलात्कार के मामले में भी दोषी ठहराया गया था. मामले की सुनवाई के बाद तीनों को तत्कालीन प्रिंसिपल सेशन जज शालिनी फनसालकर जोशी ने मौत की सजा दी थी. अब बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब इन तीनों की सजा उम्रकैद में बदल गई है. इस मामले में बाकी बचे दो दोषियों में मोहम्मद अशफाक शेख को उम्रकैद की सजा सुनाई गई  और एक नाबालिग को किशोर सुधार गृह भेज दिया गया था.

 

 

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