
महाराष्ट्र में सियासी संकट जारी है. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) नेता अजित पवार के साथ सरकार बना चुकी है, वहीं एनसीपी के विधायक पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. शपथग्रहण के बाद से ही एनसीपी ने अजित पवार से किनारा कर लिया और एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने इस कदम को अजित पवार का निजी फैसला बताया. अजित पवार डिप्टी सीएम तो बने लेकिन पार्टी पीछे छूट गई.
दूसरी तरफ ट्विटर पर भी एक लड़ाई चलती रही. शपथ ग्रहण से लेकर अब तक एनसीपी नेताओं का ट्विटर वॉर जारी है. इस पर सबसे ज्यादा घिरे हैं अजित पवार.
अजित पवार जहां दावा कर रहे हैं कि उनके नेता शरद पवार ही हैं और वे एनसीपी के साथ ही महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार देंगे वहीं पार्टी के मुखिया की राय उनसे बिलकुल अलग है. पार्टी के मुखिया शरद पवार ने साफ कर दिया है कि बीजेपी के साथ जाने का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता है.
दरअसल अजित पवार ने एक ट्वीट में लिखा कि मैं एनसीपी में हूं और हमेशा एनसीपी में ही रहूंगा, और शरद पवार साहेब हमारे नेता हैं. बीजेपी-एनसीपी गठबंधन महाराष्ट्र में अगले पांच साल के लिए स्थिर सरकार देगी, ये सरकार राज्य और लोगों के कल्याण के लिए गंभीरता से काम करेगी.
अलग-थलग पड़े अजित पवार
इस ट्वीट के जवाब में शरद पवार ने साफ किया कि एनसीपी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. शरद पवार ने ट्वीट कर कहा, 'महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार गठन का कई सवाल ही नहीं पैदा होता है. एनसीपी सर्वसम्मति से सरकार बनाने के लिए शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का फैसला कर चुकी है. अजित पवार का बयान गलत है और भ्रामक है जिसका मकसद भ्रम फैलाना और लोगों में गलत धारणा बनाना है.
अजित पवार ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. सब ठीक होगा. हालांकि जरा से धैर्य की जरूरत है. आपके समर्थन के लिए शुक्रिया.
शिवसेना के साथ NCP की फोटो पॉलिटिक्स
जहां अजित पवार बीजेपी के साथ सरकार बनाने के फैसले पर अड़े हुए हैं, वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने शिवसेना के सांसद संजय राउत, आदित्य ठाकरे और रोहित पवार के साथ अपनी तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की है. जहां अजित पवार अपने परिवार से ही दूर होते जा रहे हैं, वहीं एनसीपी शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए काफी आगे बढ़ चुकी है.
दरअसल पहली तस्वीर में आदित्य ठाकरे, सुप्रिया सुले, संजय राउत और रोहित पवार नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में रोहित पवार, सुप्रिया सुले और आदित्य ठाकरे दिख रहे हैं. सुप्रिया सुले ने पहली तस्वीर में आदित्य ठाकरे, संजय राउत और रोहित पवार को टैग किया है , जबकि दूसरी तस्वीर में आदित्य ठाकरे और रोहित पवार को टैग किया.
वहीं, आदित्य ठाकरे ने सुप्रिया सुले के ट्वीट को रिट्वीट किया है और लिखा है- आज सुबह. महाराष्ट्र के लिए सभी एकसाथ हैं. संजय राउत ने भी सुप्रिया सुले के ट्वीट को रिट्वीट किया है. इसके अलावा संजय राउत ने शिवसेना के कार्यकर्ता स्वप्निल के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है, जिसमें चार तस्वीरें हैं. फोटो पॉलिटिक्स के बीच एनसीपी के नेता अजित पवार से लौटने की गुहार लगा रहे हैं.
अजित पवार से लौटने की गुहार
एनसीपी के विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने अजित पवार के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं. हम सभी शरद पवार साहब की छाया में पले-बढ़े हैं . केवल राज्य की खातिर शरद पवार ने बीजेपी के साथ नहीं जाने का फैसला किया है. शरद पवार के इस निर्णय का सम्मान करते हुए हम आपसे पार्टी में वापस लौटने की अपील करते हैं.
धनंजय का यू-टर्न
वहीं सबसे हैरान करने वाला रुख रहा धनंजय मुंडे का जो अजित पवार के साथ दिख रहे थे, वे शरद पवार के साथ हो गए. धनंजय मुंडे के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं का गुस्सा तो भड़का लेकिन बड़े ही कायदे से मामला मैनेज कर लिया. दरअसल, धनंजय मुंडे ने भी शरद पवार में अपनी आस्था जता दी है.
धनंजय ने ट्वीट कर कहा कि मैं एनसीपी, शरद पवार के साथ हूं. धनंजय मुंडे ने साथ ही खुद को लेकर अफवाह न फैलाने की भी अपील की. गौरतलब है कि वाईबी सेंटर में एनसीपी विधायकों के साथ शरद पवार की बैठक के बाद जब सभी विधायकों को बस से होटल ले जाया जा रहा था, तब भी धनंजय मुंडे को बस में बैठकर एक लिस्ट लेकर मिलान करते देखा गया था.
महाराष्ट्र पर सुप्रीम सुनवाई
गौरतलब है कि अब महाराष्ट्र केस पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दोबारा सुनवाई होगी. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की ओर संयुक्त रूप से दाखिल की गई याचिका में कहा गया कि राज्यपाल केंद्र के सीधे निर्देश पर काम कर रहे हैं.
राष्ट्रपति शासन खत्म करने की सिफारिश, कैबिनेट मीटिंग और राष्ट्रपति के दस्तखत कब हुए इसकी टाइम लाइन तलब की जाए. कोर्ट ने सरकार गठन से जुड़ी पूरी प्रक्रिया के पेपर को लेकर आने को कहा है. इस केस पर सोमवार को सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई होगी.