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शरद खेमे में गए तीसरे विधायक की अजित पवार गुट में वापसी, दोनों गुटों में जारी है शह-मात का खेल

शरद खेमे में आने वाले विधायक मकरंद पाटिल ने एक बार फिर अजित पवार गुट से हाथ मिला लिया है. वह सतारा जिले की वाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह पहले शरद पवार के साथ थे और उन्होंने पांच दिन के अंदर ही अपना इरादा बदल लिया है.

शरद पवार और अजित पवार (फाइल फोटो) शरद पवार और अजित पवार (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

महाराष्ट्र में मची सियासी उठापठक में 'आया राम और गया राम' का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एनसीपी में दोनों गुटों के बीच शह-मात का खेल जारी है. दोनों ही खेमा अपने को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस साबित करने में जुटे हुए हैं. इस बीच एक बार फिर शरद पवार खेमे को झटका लगा है. दरअसल शरद गुट के एक और विधायक ने अजित गुट को जॉइन कर लिया है. 

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शरद खेमे में आने वाले विधायक मकरंद पाटिल ने एक बार फिर अजित पवार गुट से हाथ मिला लिया है. वह सतारा जिले की वाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह पहले शरद पवार के साथ थे. एनसीपी के इस पूरे घटनाक्रम के पहले दिन सीनियर पवार ने कराड में अपने राजनैतिक गुरु यशवंतराव चव्हाण को श्रद्धांजलि दी तो पाटिल उनके साथ थे. उन्होंने शरद पवार की कार में ही यात्रा की था, लेकिन 5 दिन के अंदर ही उन्होंने अपनी पाला बदल ली है. वह अजित पवार खेमे में शामिल हो गए. एनसीपी विधायक ने रविवार को ही इसकी घोषणा की है.  

मकरंद पाटिल, सतारा के तीसरे विधायक हैं, जिन्होंने अजित खेमा जॉइन किया है. उनसे पहले रामराजे नाइक निंबालकर और दीपक चव्हाण बीते शुक्रवार को शरद खेमे से डिप्टी सीएम अजित की तरफ आ गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मकरंद पाटिल के साथ वाई विधानसभा क्षेत्र की तीनों तहसील से सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शरद का साथ छोड़ दिया था. 

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अजित की शपथ के बाद एनसीपी में फूट  

एनसीपी में दो जुलाई को फूट तब पड़ गई थी, जब अजित पवार ने शिंदे-फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी के आठ विधायक भी सरकार में शामिल हुए. मकरंद पाटिल इस शपथग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे, लेकिन अगले ही दिन वह सतारा में सीनियर पवार का स्वागत करने और कराड यात्रा में उनके साथ गए. अब एक बार उन्होंने फिर अपना मन बदल लिया है और वह अजित गुट के साथ हो गए हैं.  

दोनों नेताओं की बीच हुई मीटिंग 

सूत्रों की मानें तो औपचारिक रूप से अपना खेमा बदलने के लिए अजित पवार और पाटिल के बीच बंद कमरे में मीटिंग हुई थी. दोनों नेताओं के कार्यकर्ताओं के बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों नेताओं के बीच सुलह के लिए दो शर्तें तय हो रही हैं. इनमें कर्ज में डूबे किसान वीर और खंडाला चीनी कारखानों को वित्तीय मदद और वाई विधायक के लिए कैबिनेट में जगह शामिल हैं.  

दोनों गुटों ने किया था शक्ति प्रदर्शन 

अजित पवार ने दो जून को डिप्टी सीएम की शपथ ली थी, जिसके अगले ही दिन दोनों नेताओं ने अपना शक्तिप्रदर्शन किया था. अजित गुट की ओर से दावा किया गया कि उनकी बैठक में 34 विधायक और चार एमएलसी शामिल हुए. इसके अलावा 4-5 विधायकों से फोन पर संपर्क किया गया, जिन्होंने समर्थन देने की संतुष्टि की. बैठक के बाद एमएलसी अमोल मिटकारी ने कहा कि 40 विधायकों की सर्वसम्मति से अजित पवार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है.  

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