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'किसी पार्टी का नाम और चिह्न दूसरे को देना राजनीतिक दल पर हमला', EC के फैसले पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी

एनसीपी चीफ शरद पवार ने शिवसेना का नाम और निशान शिंदे गुट को देने के चुनाव आयोग के फैसले की निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं किया गया. जिसने शिवसेना बनाई, उससे हाथ से छीनकर दूसरे को दे दी गई. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली एमसीडी चुनाव को लेकर सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़े हुए.

चुनाव आयोग के फैसले पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो) चुनाव आयोग के फैसले पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी (फाइल फोटो)
पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 22 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

एनसीपी चीफ शरद पवार ने बुधवार को पुणे में एक सभा में चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले एक फैसला दिया. यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है. हमने चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी नहीं देखा. कई शिकायतें गईं लेकिन आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक राजनीतिक दल का निशान, नाम निकलाकर दूसरे को दे दिया गया हो. शिवसेना जिसने बनाई थी, उसके हाथ से लेकर दूसरों को दे दिया गया. 

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शरद पवार ने बताया कि बालासाहेब ठाकरे ने अपने आखिरी दिनों में कहा था कि उनके बाद उद्धव ठाकरे को शिवसेना की जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक दलों पर बहुत बड़ा हमला है. उन्होंने आरोप लगाया के यह राजनीतिक दलों तक सीमित नहीं रहेगा. यह तय करेगा कि देश किन लोगों के हाथ में रहेगा. 17 फरवरी को चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का नाम देने का आदेश दिया था. आयोग ने कहा था कि एकनाथ शिंदे की पार्टी द्वारा चुनाव चिह्न तीर और कमान बरकरार रखा जाएगा. 

MCD में बहुमत लेकिन कोर्ट के आदेश पर AK को मिली सत्ता

इसके बाद एनसीपी चीफ ने कहा कि दिल्ली के निकाय चुनाव में बहुमत केजरीवाल को मिला लेकिन मेयर का चुनाव नहीं हो पाया. जब कोर्ट का आदेश आया, उसके बाद केजरीवाल की सत्ता स्थापित हुई. इन सब से यह बात साबित होता है कि जिनके हाथों में हुकूमत है, वे दूसरे राजनीतिक दलों को सरकार चलाने नहीं देंगे. आज मोदी के नेतृत्व में जो संगटन देश में काम कर रहा है, उनको लगता है वो जैसा चाहेंगे, वैसा होगा और इसकी कीमत अल्पसंख्यकों चुकानी पड़ती है.

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इससे पहले रविवार को एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि वे शिंदे गुट को तीर-कमान का चुनाव चिह्न मिलने के मुद्दे पर राज्य में चल रहे विवाद में नहीं पड़ेंगे. शरद पवार ने कहा था,'मैंने इस पर अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है.'

SC से उद्धव को फिलहाल राहत नहीं, मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा उद्धव गुट को जो टॉर्च और मशाल वाला चुनावी चिन्ह दिया गया था, वही आगे भी जारी रह सकता है. इसके अलावा कोर्ट ने दोनों उद्धव और शिंदे गुट को नोटिस भी जारी किया है. दरअसल चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना था और धनुष-बाण वाला चिन्ह भी उन्हीं को दे दिया था. आयोग के इस फैसले को उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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