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'NCP अध्यक्ष मैं ही हूं', वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद बोले शरद पवार, अजित ने मीटिंग को बताया गैरकानूनी

एनसीपी में बगावत अब आर-पार की लड़ाई के रूप में सामने आ गई है. एक तरफ अजित पवार ने चाचा शरद पवार को हटाकर खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया है तो वहीं शरद पवार का कहना है कि अभी वही पार्टी के अध्यक्ष हैं. आज शरद पवार ने दिल्ली में अहम बैठक की है, जिसे अजित पवार ने अवैध बताया है.

अजित पवार/शरद पवार (File Photo) अजित पवार/शरद पवार (File Photo)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत के बाद अब बयानबाजी और बैठकों का दौर जारी है. एक तरफ शरद पवार ने गुरुवार को अपने वफादारों के साथ दिल्ली में NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ली. उन्होंने बैठक में कहा कि मैं ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं. किसी और के अध्यक्ष बनने की बात गलत है. वहीं दूसरी तरफ उनके भतीजे और NCP बागी गुट के नेता अजित पवार ने इस बैठक को ही गैरकानूनी करार दे दिया.

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अजित पवार की तरफ से जारी बयान में कहा गया,'शरद पवार ने जो बैठक बुलाई है, वह गैरकानूनी है. एनसीपी के प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद ECI के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए पार्टी के अंदर किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है. बैठक में लिया गए फैसला मानने के लिए कानूनी तौर पर कोई भी बाध्य नहीं है.

दिल्ली में स्थित शरद पवार के आवास पर हुई NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शरद पवार के साथ सुप्रिया सुले, सांसद फौजिया खान, वंदना चव्हाण, पीसी चाको (केरल अध्यक्ष), योगानंद शास्त्री, जितेंद्र आव्हाड, विरेंद्र वर्मा (हरियाणा अध्यक्ष) भी शामिल रहे. बता दें कि शरद पवार ने आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अलावा राष्ट्रीय कार्यसमिति, राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य पार्टी अध्यक्षों की बैठक बुलाई थी.

बैठक का क्या रिजल्ट निकला?

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शरद पवार की दिल्ली में हुई बैठक के बाद पार्टी के केरल अध्यक्ष पीसी चाको ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि एनसीपी ने नई कार्यकारिणी समिता का चुनाव कर लिया है. पार्टी की सभी 27 यूनिट कमेटी शरद पवार के साथ हैं. महाराष्ट्र में पार्टी की एक भी कमेटी उनके (अजित पवार) साथ नहीं है. राज्य की 5 इकाइयों के अध्यक्ष ने लिखित पत्र भेजकर अपनी सहमति जाहिर की. जबकि, बाकी कमेटियों के चीफ बैठक में मौजूद रहे. इस मीटिंग में 8 प्रस्ताव पारित हुए. सभी ने शरद पवार के नेतृतव पर भरोसा जताया. 9 विधायकों के निष्कासन के फैसले पर भी सभी ने सहमति जारहिर की.

ऐसा रहा अब तक का सियासी घटनाक्रम

एनसीपी नेता अजित पवार 2 जुलाई को चाचा शरद पवार से बगावत कर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी के 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार गुट लगातार दावा कर रहा है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है. 5 जुलाई को अजित ने शक्ति प्रदर्शन किया था, हालांकि इस मीटिंग में 31 विधायकों ने ही उन्हें समर्थन दिया था.

CBI-ED के दबाव में आ रहे बयान: फौजिया

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बैठक में कहा गया कि एनसीपी संयुक्त विपक्ष (MVA) के साथ मजबूती से खड़ी हुई है. मीटिंग में भाजपा पर विपक्ष के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा गया. एनसीपी नेता फौजिया खान ने पृथ्वीराज चव्हाण के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे बयान सीबीआई और ईडी के दबाव में आ रहे हैं. बैठक में मणिपुर की सांप्रदायिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई.

80% विधायक अजित पवार के साथ: सूरज

अजित पवार के प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने कहा कि वर्तमान में 80% विधायक अजित पवार के साथ हैं. बाकी विधायक भी हमारे पास आएंगे, इसके प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि शरद पवार की बैठक अवैध है, क्योंकि अजित पवार को पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा चुका है.

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