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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ये धमकी दी थी कि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच कराई जाएगी, इसके बाद उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी. शरद पवार का इशारा उनके भतीजे अजित पवार और महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए उनके गुट के नेताओं पर था. NCP सुप्रीमो शरद पवार ने अजित पवार गुट के उन दावों को भी खारिज कर दिया कि वे विकास के मुद्दे पर सरकार में शामिल हुए हैं.
पुणे में एनसीपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि अतीत में कुछ बदलाव हुए थे. हमारे कुछ साथियों ने हमें छोड़ दिया. वे (अजित पवार गुट) कहते हैं कि वह विकास के लिए गए थे, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, जबकि सच ये है कि केंद्र ने उनके खिलाफ ईडी जांच शुरू की थी, इसके बाद उन्होंने एनसीपी छोड़ दी है. कुछ सदस्यों (अजित पवार गुट से) को भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया था.
उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का उदाहरण भी दिया और कहा कि हालांकि, कुछ सदस्य जांच का सामना करने के लिए तैयार थे. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख 14 महीने तक जेल में थे. यहां तक कि देशमुख से भी अपनी भूमिका (वफादारी) बदलने के लिए पूछा गया था, लेकिन वह NCP नहीं छोड़ने के अपने फैसले पर दृढ़ रहे.
शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार से रोजगार और कृषि संकट सहित महाराष्ट्र के गंभीर मुद्दों का समाधान करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि राज्य बेरोजगारी जैसे मुद्दों का सामना कर रहा है, किसान भी पीड़ित हैं.
12 अगस्त को हुई थी शरद और अजित की सीक्रेट मीटिंग
इससे पहले 12 अगस्त को शरद पवार ने पुणे के कोरेगांव पार्क में व्यवसायी अतुल चोरडिया के बंगले पर अजीत पवार के साथ एक घंटे तक बैठक की. हालांकि शरद पवार ने भले ही साफ कर दिया हो कि बीजेपी के साथ जाने वालों के साथ उनका कोई संबंध नहीं है. न ही महाविकास अघाड़ी में कोई भ्रम है.
अजित ने 2 जुलाई को की थी चाचा शरद पवार से बगावत
बता दें कि पिछले महीने यानी 2 जुलाई को लंबी अटकलों के बाद NCP नेता अजित पवार महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. 2 जुलाई को पवार के साथ छगन भुजबल सहित 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि उन्हें NCP के सभी लोगों का आशीर्वाद मिला हुआ है. इसके बाद एनसीपी दो फाड़ हो गई. कुछ विधायक शरद पवार गुट में हैं तो कुछ अजित गुट में.