
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार को WhatsApp पर धमकी मिली है. शरद पवार को धमकी मिलने के बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले इसकी शिकायत लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर से मिलने उनके दफ्तर पहुंचीं. सुप्रिया सुले ने शरद पवार को धमकी मिलने की जानकारी देते हुए कहा है कि एक वेबसाइट के जरिए धमकी दी गई है.
उन्होंने कहा कि मैं पुलिस से न्याय मांगने यहां आई हूं. सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस और देश के गृह मंत्री अमित शाह से भी सख्त कार्रवाई की अपील की है. उन्होंने शरद पवार को मिली धमकी को लेकर कहा है कि इस तरह के कार्य ठीक नहीं हैं. इस तरीके की राजनीति बंद होनी चाहिए.
सुप्रिया सुले ने साथ ही ये भी कहा है कि अगर मेरे पिता को किसी भी तरह का कोई नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए गृह मंत्रालय जिम्मेदार होगा. सुप्रिया सुले ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, केंद्र और सूबे की सरकार के गृह मंत्रियों से एक्शन की मांग की तो साथ ही शरद पवार को किसी तरह के नुकसान की स्थिति में गृह मंत्रालय को ही जिम्मेदार भी बता दिया.
पवार के बाद संजय राउत को भी धमकी
शरद पवार के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सांसद संजय राउत को भी फोन पर धमकी मिली है. संजय राउत के भाई सुनील राउत ने आजतक से बात करते हुए कहा कि कल शाम 4 बजकर 30 मिनट पर मुझे एक फोन आया. सुनील के मुताबिक फोन कॉल करने वाले ने संजय राउत को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोकने के लिए कहा.
सुनील राउत के मुताबिक फोन करने वाले ने कहा कि संजय राउत को प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने के लिए बोल दो नहीं तो हम ठोक देंगे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार संजय राउत से डरी हुई है और इसीलिए वे उनको बोलने से रोकना चाहते हैं. सुनील राउत ने ये भी जोड़ा कि हमें पहले भी इस तरह की कॉल्स आती रही हैं लेकिन सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया.
पवार को धमकी वाले मैसेज में क्या है?
शरद पवार को लेकर WhatsApp पर आए धमकी भरे मैसेज में क्या है, इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. न तो सुप्रिया सुले और ना ही किसी पुलिस अधिकारी की तरफ से ही इसे लेकर कोई जानकारी दी गई है. सुप्रिया सुले की ओर से आए बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि पवार को मिली धमकी राजनीतिक हो सकती है.