
महाराष्ट्र में 'असली शिवसेना' के दावे को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट हर आए दिन भिड़ जाते हैं. इसी सिलसिले में एक बार फिर दोनों गुटों में बीएमसी ऑफिस में झड़प हो गई. दरअलस शिंदे गुट के लोगों ने बुधवार को बीएमसी कार्यालय में बने शिवसेना दफ्तर पर कब्जा कर लिया. इस दौरान वहां मौजूद उद्धव गुट के नेताओं ने इसका विरोध किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान पहले तो दोनों तरफ से जमकर बहस हुई फिर बात हाथापाई पर आ गई. हालांकि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले को शांत करवाया.
इस पर महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि उन्हें लगता है कि शांति बनाए रखा चाहिए. उद्धव ठाकरे गुट को यह मान लेना चाहिए कि उन्होंने बहुमत खो दिया है. ग्राम पंचायत चुनाव में भी वे 5वें स्थान पर थे. उन्हें यह समझना चाहिए कि हम सत्ता में हैं. उन्हें धैर्य रखना चाहिए.
वहीं झड़प के बाद बीएमसी ने बयान जारी किया कि सभी को कार्यालय से हटा दिया गया है. मना करने के बाद शिंदे गुट के सदस्य बीएमसी परिसर से चले गए. हालांकि ठाकरे गुट के कुछ समर्थक बीएमसी परिसर में जमे हुए हैं.
नागपुर विधानसभा परिसर से छिन चुका है कार्यालय
20 दिसंबर को उद्धव ठाकरे गुट को शीतकालीन सत्र के पहले दिन नागपुर विधानसभा परिसर में बने शिवसेना पार्टी कार्यालय को खाली करना पड़ा था. इस जगह पर अब सीएम एकनाथ शिंदे के गुट का कब्जा हो गया है. यहां 30 साल से शिवसेना का कार्यालय था.
विधानसभा के रिकॉर्ड के अनुसार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आधिकारिक शिवसेना के नेता समूह हैं, इसलिए कार्यालय का दावा सीएम एकनाथ शिंदे के 'बालासाहेबंची शिवसेना' गुट का था. ठाकरे के उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट को नागपुर विधान भवन के परिसर में बैरक संख्या 5 और 6 में उनकी संख्या और विधायकों के आकार के अनुसार एक नया कार्यालय आवंटित किया गया है.