
महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया. उसने महाविकास अघाड़ी के 15 नेताओं की सुरक्षा हटा दी है. शिंदे सरकार द्वारा नेताओं की सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म होने की आशंका है. हालांकि मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नार्वेकर को पहले एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी. अब उन्हें वाई प्लस सुरक्षा दी गई है. इसके अलावा जितेंद्र अवध की सुरक्षा बरकरार रखा है. पिछली सरकार में जितेंद्र अवध मंत्री थे, लेकिन उन्हें एमसीए चुनाव में आशीष शेलार का समर्थन मिला.
मालूम हो कि मिलिंद नार्वेकर उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी माने जाते हैं लेकिन पिछले दिनों मिलिंद नार्वेकर ने बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को उनके जन्मदिन पर बधाई दी थी. उससे पहले उन्होंने उनके बेटे जय शाह को शुभकामना दी थी. इसी के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी मंत्री गिरीश महाजन ने बयान दिया था कि ऐसा सुनने में मिल रहा है कि मिलिंद नार्वेकर शिवसेना में नाराज चल रहे हैं.
इन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई
महाराष्ट्र सरकार ने वरुण सरदेसाई, छगन भुजबल, बालासाहेब थोराट, नितिन राउत, नाना पटोले, जयंत पाटिल, सतेज पाटिल, संजय राउत, विजय वडेट्टीवार, धनंजय मुंडे, भास्कर जाधव, नवाब मलिक, नरहरि ज़िरवाल, सुनील केदारे और डेलकर परिवार की सुरक्षा को हटा दिया है.
सरकार तय करे कि कोई अप्रिय घटना न हो
सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा- 'विपक्षी पार्टी का व्यक्ति हो या आम आदमी, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसी को सुरक्षा दे या ना दे. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई अप्रिय घटना न हो. सरकार ने हमारी सुरक्षा कम कर दी है. हमारे पास इसका विरोध करने का कोई कारण नहीं है. अगर सरकार को लगता है कि हमें सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है, तो हमें कोई समस्या नहीं है.'