
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही और नई सरकार का गठन होने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी की साथी शिवसेना ने सरकार पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए, बेरोजगारी-बुलेट ट्रेन के मसले पर मोदी सरकार को कोसा. यहां लिखा गया है कि सिर्फ विज्ञापन देने से रोजगार पैदा नहीं होगा, कोई एक्शन भी लेना होगा. बता दें कि मोदी सरकार में शिवसेना भी हिस्सेदार है और उसके सांसद अरविंद सावंत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.
सोमवार को सामना में लिखा, ‘बेरोजगारी के आंकड़े और जीडीपी में गिरावट मोदी सरकार के लिए चिंता का विषय है. सिर्फ विज्ञापन देने से ही नौकरियां नहीं मिल जाएंगी. इसके अलावा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से किसी को रोज़गार नहीं मिल रहा है’. इसके अलावा कहा गया है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की भी स्थिति अच्छी नहीं है, इसके रिजल्ट को लगातार रिव्यू किया जाना चाहिए.
मोदी सरकार-2 पर शिवसेना का ये पहला और करारा हमला है. सामना में लिखा गया है कि नितिन गडकरी कह रहे हैं कि बेरोजगारी सिर्फ 5 साल नहीं बल्कि दशकों का मुद्दा रही है लेकिन फिर 2 करोड़ रोजगार का वादा क्यों किया गया था. सरकार को 5 साल में दस करोड़ रोजगार देने चाहिए थे, हर बात के लिए नेहरू-गांधी परिवार को जिम्मेदार नहीं बता सकते हैं.
इसमें कहा गया है कि चुनाव से पहले ऐसी इमेज बनाई गई कि 300 अमेरिकी कंपनियां चीन छोड़कर भारत में आ जाएंगी, लेकिन अब अमेरिका ही भारत पर दबाव बना रहा है. अगर मोदी है तो मुमकिन है तो फिर नौकरी का खोना रुकना चाहिए.
बता दें कि शिवसेना ने पिछले कार्यकाल में भी सामना के जरिए लेख लिख मोदी सरकार को निशाने पर लिया था. अब दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सरकार पर शिवसेना का हमला शुरू हो गया है. शिवसेना ने इस बार 18 सीटों पर जीत दर्ज की है और एनडीए में वह बीजेपी के बाद सबसे बड़ी पार्टी है.