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सावरकर-मुस्लिम आरक्षण पर अटकी शिवसेना की कांग्रेस-NCP से बात!

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग चुका है लेकिन राजनीतिक हलचल बढ़ती जा रही है. भाजपा का साथ छोड़ने वाली शिवसेना अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाती हुई दिख रही है और तीनों पार्टियों में सरकार गठन के लिए साझा कार्यक्रम पर बात बनती भी दिख रही है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो) शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 15 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

  • महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर हलचल तेज
  • शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस में बन सकती है बात
  • एक CM, दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर चर्चा

विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही महाराष्ट्र अपनी नई राज्य सरकार के इंतजार में है. राष्ट्रपति शासन लग चुका है लेकिन राजनीतिक हलचल बढ़ती जा रही है. भाजपा का साथ छोड़ने वाली शिवसेना अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाती हुई दिख रही है और तीनों पार्टियों में सरकार गठन के लिए साझा कार्यक्रम पर बात बनती भी दिख रही है, लेकिन अभी भी दो मुद्दे ऐसे हैं जिसपर बात अटकी हुई है और विस्तार से चर्चा होना बाकी है.

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महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने में जुटी शिवसेना की बात दो मुद्दों पर अटकती नज़र आ रही है...

1.    शिवसेना की मांग है कि वीर सावरकर को भारत रत्न मिले

2.    कांग्रेस-एनसीपी की मांग है कि मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण मिले

गौरतलब है कि शिवसेना पूरी तरह से हिंदुत्व की राजनीति करती है, लेकिन कांग्रेस-एनसीपी के साथ कुछ त्याग करना पड़ रहा है. विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, लगातार शिवसेना की तरफ से वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की है. लेकिन कांग्रेस-एनसीपी लगातार वीर सावरकर को एक विवादास्पद किरदार मानती रही हैं और उनका नाम महात्मा गांधी की हत्या की साजिश करने वालों के साथ जोड़ती आई है.

वहीं दूसरी ओर अगर मुस्लिम आरक्षण की बात करें, तो शिवसेना इस मुद्दे का विरोध करती आई है और राज्य में मराठा आरक्षण को बढ़ावा देने की बात करती आई है. ऐसे में अब इस बात पर भी हर किसी की नज़र रहेगी कि जिन मसलों पर बात अटक रही है वह कैसे पूरे होते हैं और कौन अपने दावे की कुर्बानी देता है.

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इस फॉर्मूले से बन सकती है सरकार!

बता दें कि शुक्रवार को ही एक फॉर्मूला सामने आया है जिसके दम पर शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बन सकती है. इसके तहत शिवसेना को पांच साल के लिए मुख्यमंत्री पद मिल सकता है , वहीं एनसीपी-कांग्रेस को डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है. इसके अलावा 14-14-12 के फॉर्मूले से मंत्री पद का बंटवारा हो सकता है.

महाराष्ट्र में बनी बात! शिवसेना का ही होगा CM, 14-14-12 के फॉर्मूले पर होंगे मंत्री

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