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महाराष्ट्र: दशहरा रैली बनी सियासी अखाड़ा, उद्धव ने बताया कटप्पा तो शिंदे बोले- गद्दारी नहीं गदर किया

महाराष्ट्र में दशहरा के जश्न के बीच भी जमकर राजनीतिक बयानबाजी हुई. इसमें एक तरफ उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा. दूसरी तरफ शिंदे ने भी उद्धव पर जमकर पलटवार किया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दादर के शिवाजी पार्क में तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने BKC मैदान में दशहरा रैली का आयोजन किया.

रैली के दौरान दोनों गुटों ने जमकर एक दूसरे पर जवाबी तीर छोड़े रैली के दौरान दोनों गुटों ने जमकर एक दूसरे पर जवाबी तीर छोड़े
विद्या/ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 05 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

महाराष्ट्र में बुधवार को दशहरा के जश्न के बीच भी जमकर राजनीतिक बयानबाजी हुई. इसमें एक तरफ उद्धव ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा. दूसरी तरफ शिंदे ने भी उद्धव पर जमकर पलटवार किया. दोनों ने ही अपने-अपने दशहरा आयोजन के दौरान एक दूसरे पर हमले बोले. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दादर के शिवाजी पार्क में तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने BKC मैदान में दशहरा रैली का आयोजन किया. रैली के दौरान दोनों गुटों ने जमकर एक दूसरे पर जवाबी तीर छोड़े. यहां मंच से बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने सीएम शिंदे को कटप्पा तक बता डाला. वहीं पलटवार करते हुए शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि हमने गद्दारी नहीं गदर किया है.

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दरअसल, बालासाहेब ठाकरे के समय से ही शिवसेना दादर स्थित शिवाजी पार्क में हर साल दशहरा रैली का आयोजन करती आई है. वहीं पिछले दो वर्षों से कोरोना काल के चलते यह रैली स्थगित कर दी गई थी. हालांकि इस बार स्थिति ठीक हुई तो शिवसेना दो फाड़ हो गई. जिसके बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट रैली के आयोजन को लेकर आमने-सामने आ गए थे. मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो उद्धव ठाकरे गुट को शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति मिल गई. उधर, बीएमसी ने शिंदे गुट को बीकेसी पार्क में रैली के आयोजन की अनुमति दी थी. जिसके बाद दोनों गुटों ने अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए रैली का आयोजन किया.

उद्धव ने सीएम शिंदे पर साधा निशाना, बोले गद्दार को गद्दार ही कहा जाएगा

रैली में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि गद्दारों को गद्दार ही कहा जाएगा. ये बात सभी को पता होनी चाहिए शिवसेना की गद्दी मेरे शिवसैनिकों की है. जनता कभी भी कटप्पा को माफ नहीं करने वाली है. बीजेपी ने भी सही नहीं किया, उसने भी धोखा देने का काम किया. उद्धव ने शिंदे पर बड़ा बयान देते हुए ये भी कह दिया ये लोग शिवसेना का नाम चुराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ये लोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही कुर्सी पर रहने वाले हैं. इनका कोई भविष्य नहीं है. मैं हिंदू हूं, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है, झुकने की जरूरत नहीं है. 

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उन्होंने कहा कि मेरा नाम सिर्फ उद्धव ठाकरे नहीं है, बल्कि मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं. मुझे बीजेपी वालों से हिंदुत्व का पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है. बीजेपी वाले तो इस समय शिवसेना की गद्दी चुराने की कोशिश में लगे हैं. वो जो भी कर रहे हैं, ठीक नहीं है. उद्धव ने प्रधानमंत्री मोदी की पाकिस्तान यात्रा का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि जो लोग पाकिस्तान में जा केक खाते हैं, वो हिंदुत्व की बात कैसे कर सकते हैं. आप सिर्फ गाय-गाय की बात करते हैं, महंगाई पर कभी कुछ नहीं बोलते.

उद्धव संबोधन के दौरान कहा कि एक बार फिर वे जरूर किसी शिवसैनिक को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे. जो वादा मैंने अपने पिता से किया था, वो वादा आज आप से करता हूं. एक बार फिर शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनाकर रहेंगे. अपने विरोधियों को हर चुनाव में धूल चटाएंगे. पाक अधिकृत कश्मीर का जिक्र करते हुए उद्धव ने यहां तक कह दिया कि अगर सरकार एक फीट जमीन पर भी वापस ला दे तो हम इन्हें सिर पर बैठाकर नाचेंगे. हमारे पीएम ने कहा था कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा.

सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर किया पलटवार

उधर, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) मैदान में मंच से बोलते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवाजी, बालासाहेब ठाकरे के नारे लगवाए. इस दौरान उनकी रैली में बालासाहेब ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे भी शामिल हुए. रैली को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं. मुख्यमंत्री होने के बावजूद में साधारण कार्यकर्ता हूं. बालासाहेब के विचारों को आपने समर्थन दिया. बालासाहेब के विचार हमारे साथ हैं. उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि उद्धव कांग्रेस-एनसीपी की धुन पर नाचते रहे. राज्य में मतदाताओं ने 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना और भाजपा को चुना, लेकिन ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनाई और लोगों को धोखा दिया. 

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उन्होंने कहा कि उनकी दशहरा रैली में भारी भीड़ यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि बाल ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी कौन हैं. शिंदे ने उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना कोई 'प्राइवेट लिमिटेड कंपनी' नहीं है और संगठन को शिवसेना के आम कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से बनाया गया है. उन्होंने गद्दारी नहीं गदर किया है.

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