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मोदी सरकार पर शिवसेना का वार- साजिश नहीं थमी तो सोवियत संघ की तरह टूट जाएगा भारत

संजय राउत ने रविवार को सामना में साल के अपने अंतिम कॉलम में लिखा है कि जीवन के हर क्षेत्र में लोग परेशान हैं. सरकार के पास कोई राजस्व नहीं है, लेकिन वहां चुनाव लड़ने और राज्यों की सरकारें गिराने के लिए पैसा है. देश राजस्व की तुलना में अधिक ऋण की ओर बढ़ रहा है.

संजय राउत (फाइल फोटो) संजय राउत (फाइल फोटो)
मुस्तफा शेख
  • मुंबई,
  • 27 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST
  • सामना के कॉलम में संजय राउत ने मोदी सरकार पर बोला हमला
  • नए संसद भवन से नहीं आ जाएगा अधिक लोकतंत्र- संजय राउत
  • बीजेपी के राम कदम ने राहुल गांधी, पवार की चुप्पी पर उठाए सवाल

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में लेख के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. संजय राउत ने रविवार को सामना में साल के अपने अंतिम कॉलम में लिखा है कि जीवन के हर क्षेत्र में लोग परेशान हैं. सरकार के पास कोई राजस्व नहीं है, लेकिन वहां चुनाव लड़ने और राज्यों की सरकारें गिराने के लिए पैसा है. देश राजस्व की तुलना में अधिक ऋण की ओर बढ़ रहा है. राउत ने तंज करते हुए लिखा है कि अगर इस स्थिति में प्रधानमंत्री शांति से सो सकते हैं तो ऐसे में सराहना की जानी चाहिए. 

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संजय राउत ने अपने कॉलम में आगे लिखा है कि विजयवर्गीय ने कहा है कि पीएम ने मध्य प्रदेश में सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई. अगर पीएम राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता का आनंद ले रहे हैं और अपनी सरकार का गठन करा सकते हैं तो कोई क्या कह सकता है. उन्होंने कहा है कि वे पूरे राष्ट्र के प्रधानमंत्री हैं. राष्ट्र राज्यों को साथ लाने के लिए बनता है.

गैर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों को दरकिनार करने की धारणा से उनकी सरकार देश के संघीय ढांचे को खत्म कर रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार बनी, कश्मीर में अस्थिरता है. पंजाब में किसान परेशान हैं.

मुंबई में मेट्रो परियोजना को रोका जा रहा है. केंद्र सरकार कंगना रनौत और अर्णब गोस्वामी को बचाने के लिए केंद्र सरकार सड़क पर है. उन्होंने आगे लिखा है कि अगर साजिश नहीं थमी तो भारत सोवियत संघ की तरह टूट जाएगा.

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संजय राऊत ने अपने कॉलम में लिखा है कि केंद्र सरकार के साथ विश्वास की कमी है. देश का लोकतंत्र कुछ लोगों के हाथ में है. यह भारतीय लोकतांत्रिक समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा है कि इस साल अंबानी और अडानी की संपत्ति में इजाफा हुआ है.

संजय राउत ने अपने कॉलम में कोरोना वायरस की महामारी का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना के समय में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई और भारत ने अपनी संसद, लोकतंत्र की आत्मा को खो दिया. राम मंदिर जैसे भावनात्मक मुद्दे को उठाया जाता है, लेकिन सरकार को किसानों की भावनाओं की फिक्र नहीं. संसद में बहुमत के आधार पर तीन कृषि बिल पास किए गए. देश को कुछ लोगों के लाभ के लिए चलाया जा रहा है.

चीनी निवेश को धकेला पीछे

कोरोना के कारण लागू हुए लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया वित्तीय संकट में है. यूएसए ने अपने नागरिकों के लिए एक वित्तीय पैकेज की घोषणा कर दी है, जिसके तहत हर नागरिक के खाते में करीब 85 हजार रुपये जाएंगे. ब्राजील और यूरोप में भी ऐसे पैकेज घोषित किए गए हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है कि भारतीयों की जेब खाली रहेगी.

लॉकडाउन के कारण कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा, कई को वेतन कटौती का सामना करना पड़ा. राउत ने चीन के साथ टकराव को भी संकट बताते हुए कहा कि हम चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने में सक्षम नहीं थे लेकिन चीनी निवेश को पीछे धकेल दिया.

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जनरल मोटर्स पुणे के तालेगांव में अपना कारखाना बंद करने जा रही है जिससे करीब 1800 कर्मचारियों की नौकरी जाएगी. चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स जनरल मोटर्स में पांच हजार करोड़ का निवेश कर रही थी. 

नए संसद भवन को लेकर भी सरकार को घेरा

संजय राउत ने अपने कॉलम में लिखा है कि साल 2020 में जो कुछ भी हुआ वह बताता है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. एक नई संसद अधिक लोकतंत्र नहीं लाएगी. उन्होंने अपने कॉलम में कहा है कि पीएम मोदी को संसद भवन के निर्माण की बजाय स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर एक हजार करोड़ का निवेश करने की सलाह दी, लेकिन इसपर किसी ने ध्यान नहीं  दिया. संजय राउत ने कहा है कि संसद के लिए सरकार जनता से एक लाख रुपये जुटा पाने में भी सक्षम नहीं है. लोग इसे केवल दिखावा और बेकार मान रहे हैं. संजय राउत ने कहा है कि साल 2021 में जो होगा, वह अनिश्चित है. राउत ने अपने  कॉलम में कहा है कि नए साल में अपने परिवार का खयाल रखें, देश का ख्याल मोदी रखेंगे.

बीजेपी ने व्यक्त की आक्रामक प्रतिक्रिया

संजय राउत के कॉलम में देश के सोवियत संघ की तरह टूटने संबंधी जिक्र को लेकर महाराष्ट्र की विपक्षी बीजेपी ने आक्रामक प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बीजेपी के नेता राम कदम ने कहा है कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप, कटाक्ष समझ आते हैं. देश कुछ हद तक ओछी राजनीति भी सह सकता है, लेकिन मां भारती को तोड़ने की शिवसेना की बात को देश कतई सहन नहीं कर सकता.

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राम कदम ने इसे शहीदों का अपमान बताया और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के मौन को लेकर भी सवाल खड़े किए. बीजेपी नेता ने सवाल कियया कि क्या वे भी देश तोड़ने की बात पर सहमत हैं?

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