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शिवसेना का सवाल- किसानों की खुदकुशी क्या अच्छे दिन हैं?

अहमदनगर जिले के पोखरी-बालेश्वर गांव में संतूजी फटंगरे ने अपनी दो नाबालिग बेटियों की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुद भी जान दे दी, क्योंकि वह परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास कुमार
  • मुंबई,
  • 25 जून 2018,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

शिवसेना ने सोमवार को महाराष्ट्र में किसानों और दूसरे लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या यही उनके अच्छे दिन के वादे हैं? शिवसेना ने केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों पर दोषारोपण करते हुए कहा कि इन लोगों ने गरीबी, जीने के संसाधनों की कमी और सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण पड़ने वाले वित्तीय बोझ के चलते खुदकुशी की है.

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शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना के संपादकीय में लिखा है कि वास्तविकता यह है कि महाराष्ट्र गंभीर संकट में है और लोगों को भूखे रहना पड़ता है. लोगों के पास जरूरतों की पूर्ति के साधन नहीं है. इसलिए पूरा-पूरा परिवार खुदकुशी कर रहा है. आत्महत्या की ये घटनाएं न सिर्फ मुफ्फसिल इलाके में, बल्कि मुंबई में भी हो रही हैं.

पार्टी ने मुंबई में प्रवीण पटेल और रीना दंपति के 11 वर्ष के बेटे साथ आत्महत्या करने की घटना का जिक्र किया और कहा कि परिवार ने कैंसर से पीड़ित अपनी 14 साल की बेटी के इलाज के लिए भारी कर्ज लिया था. हाल ही में उनकी बेटी की मृत्यु हो गई. कर्ज अदा करने में लाचार होने पर परिवार ने खुदकुशी कर ली.

शिवसेना ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकारी कर्मचारी राजेश भिंगरे द्वारा आत्महत्या करने की घटना से मुंबई एक बार फिर सन्न रह गई. घर का खर्च चलाने में लाचार भिंगरे ने दो बच्चे और पत्नी समेत खुदकुशी कर ली.

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उधर, सोलापुर जिले के पंढरपुर में 21 साल की इंजीनियरिंग की छात्रा अलीशा नवाते ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसके माता-पिता उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने में समर्थ नही थे.

अहमदनगर जिले के पोखरी-बालेश्वर गांव में संतूजी फटंगरे ने अपनी दो नाबालिग बेटियों की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुद भी जान दे दी, क्योंकि वह परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे थे.

शिवसेना ने कहा, कर्ज के बोझ से दबे किसानों की आत्महत्या की घटनाएं अबतक सिर्फ विदर्भ में देखी जाती थीं, मगर अब मुंबई समेत पूरे राज्य से इस तरह की रपट मिल रही है. लोग गरीबी और भूख से निराश हैं और आत्महत्या कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने कहा कि दोनों बार-बार विदेशों के दौरे पर जाते हैं और वहां से लौटने पर हर बार विकास और समृद्धि लाने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो कहीं दिखता नहीं है.

भाजपा द्वारा हाल ही में शुरू की गई संपर्क से समर्थन पहल पर सेना ने कहा कि वे (भाजपा के लोग) माधुरी दीक्षित, सलमान खान, टाटा और बिड़ला के संपर्क में हैं, लेकिन देश के गरीबों से उनका संपर्क टूट गया है. शिवेसना ने कहा कि जनता की जो ज्वलंत समस्याएं हैं, उनको समझने में भाजपा विफल रही है.

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