
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए 2019 तक रुकने की जरूरत नहीं है. ऐसी घोषणा पीएम मोदी अब भी कर सकते हैं और यह घोषणा वे तत्काल करें, ऐसा हमारा आग्रह है.
पार्टी ने अपने अखबार के संपादकीय में लिखा है की शशि थरूर के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन भाजपा ने फिर भी इसपर शोर मचाना शरू कर दिया है. बता दें, थरूर ने एक बयान दिया था कि अगर बीजेपी एक बार फिर जीत कर आई तो ये देश 'हिंदू पाकिस्तान' बना जाएगा.
सामना में लिखा गया कि बीजेपी के एक विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने बयान दिया है कि प्रभु श्री राम भी बलात्कार को नहीं रोक सकते. यह समस्त हिंदुओं का अपमान है. इसके लिए अमित शाह माफी मांगेंगे क्या? संपादकीय में लिखा है कि मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह, शशि थरूर के बयानों से सिर्फ मनोरंजन होता रहता है. यह बात जिनकी समझ में नहीं आती वे राजनीति में बेवजह हस्तक्षेप करते हैं. मणिशंकर अय्यर तो सीधे सीधे पाकिस्तानी समर्थक हैं. शशि थरूर का भी नाम एक पाकिस्तानी महिला के साथ जुड़ा हुआ है. दिगविजय सिंह तो जामा मस्जिद के इमाम की टोपी पहन कर टहलते रहते हैं. ये सभी लोग नाम से हिंदू हैं.
सामना में लिखा है कि ये तीनों शख्स भाजपा की राजनीति के लिए पोषक होने वाले बयान ही बोलते रहते हैं. थरूर ने कहा कि भारत 'हिंदू पाकिस्तान' हो जाएगा. संघ का यही एजेंडा है और थरूर ने उसे कांग्रेस के मंच से प्रस्तुत किया. संघ परिवार के लोग हमेशा कहते हैं कि हिंदुस्तान का विभाजन कांग्रेस के कारण हुआ. कांग्रेस विभाजन की अपराधी है. पाकिस्तान यदि धर्म के नाम पर बना हुआ होगा तो बचा हुआ भाग हिंदुस्तान मतलब 'हिंदू राष्ट्र' है. लेकिन नेहरू-पटेल ने हिंदुस्तान को धर्मनिरपेक्ष बनाने का अपराध किया.
अगर नेहरू ने यह अपराध किया है तो इस गलती को ठीक करने का मौका देश की जनता ने बीजेपी को दो बार दिया. इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए 2019 तक रुकने की जरूरत नहीं है. ऐसी घोषणा श्री मोदी अब भी कर सकते हैं. और यह घोषणा वे तत्काल करें, ऐसा हमारा आग्रह है.
इसके अलावा भाजपा पर कटाक्ष करते हुए संपादकीय में लिखा गया कि अयोध्या में राम का मंदिर नहीं बन पाता, लेकिन लोगों की भावनाओं को हाथ लगाने के लिए रामायण एक्सप्रेस चलाने का काम रेलवे करती है. 2019 तक ये गैस के गुब्बारे हवा में छोड़े जाएंगे और 2019 में फिर से नई घोषणाएं होंगी. इसे राम राज्य नहीं कहा जा सकता. थरूर भाजपा की ही भाषा बोलते हैं. हम कहते हैं कि प्रणव बाबू की तरह ही शशि थरूर को भी संघ को प्रवचन देने बुलाना चाहिए.