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सिद्धिविनायक मंदिर के लिए खरीदा घी बाहर बेचने का आरोप, फडणवीस बोले- जांच होगी

विधायक सदा सावरकर ने सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने बताया था कि ट्रस्ट ने मार्च 2020 में यूपी की किसी कंपनी से 15,000-16,000 लीटर घी खरीदा था. लेकिन लॉकडाउन के दौरान उसी घी को ट्रस्ट ने बाहर बेच दिया.

सिद्धिविनायक मंदिर (फाइल) सिद्धिविनायक मंदिर (फाइल)
मुस्तफा शेख
  • मुंबई,
  • 30 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्ट पर कई तरह के आरोप लग गए हैं. सबसे बड़ा आरोप तो ये लगा है कि ट्रस्ट द्वारा कोरोना काल के दौरान मंदिर को मिला 15000 लीटर घी बाहर बेच दिया. ये आरोप शिंदे गुट के विधायक सदा सावरकर द्वारा लगाया गया है. अब इस मामले में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जांच करवाने की बात कर दी है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि इस मामले की विस्तृत जांच करवाई जाएगी. वहीं एक महीने के भीतर इस केस की रिपोर्ट भी दाखिल हो जाएगी.

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क्या है ये पूरा मामला, क्या आरोप?

अब जानकारी के लिए बता दें कि विधायक सदा सावरकर ने सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने बताया था कि ट्रस्ट ने मार्च 2020 में यूपी की किसी कंपनी से 15,000-16,000 लीटर घी खरीदा था. लेकिन लॉकडाउन के दौरान उसी घी को ट्रस्ट ने बाहर बेच दिया. इसके अलावा सावरकर ने ये भी आरोप लगाया कि ट्रस्ट ने मंदिर के लिए किसी सॉफ्टवेयर कंपनी से एक QR कोड बनवाया गया था. उनके मुताबिक जो काम सिर्फ 40 से 50 लाख रुपये में पूरा हो जाना था, ट्रस्ट ने सॉफ्टवेयर कंपनी को 3.5 करोड़ दे डाले थे. सावरकर ने मंदिर निर्माण को लेकर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इसके लिए भी ट्रस्ट को ही जिम्मेदार बताया.

फडणवीस ने मामले पर क्या बोला?

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इसी मामले का संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जांच करवाने की बात कही है. बड़ी बात ये है कि इस समय सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के हेड आदेश बांडेकर हैं. वे उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना का हिस्सा हैं. ऐसे में इस मामले में राजनीति चरम पर है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखने को मिल रहा है. वैसे विधानसभा में चर्चा के दौरान इस बार महापुरुषों के अपमान का मुद्दा भी उठा था. उस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अपनी सरकार का स्टैंड एकदम स्पष्ट कर दिया. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सरकार इसके खिलाफ भी एक कानून ला सकती है. ऐसा कानून जो उन लोगों के खिलाफ एक्शन लेगा जो महापुरुषों को लेकर विवादित बयान देंगे, उनका अपमान करने का काम करेंगे.

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