Advertisement

महाराष्ट्र में भारी बारिश और लैंडस्लाइड से बिगड़े हालात, अब तक 112 लोगों की गई जान

महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण संभाग में पिछले तीन दिनों में मूसलाधार बारिश और कुछ इलाकों में भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 112 हो गई.

महाराष्ट्र में बारिश से हाहाकार महाराष्ट्र में बारिश से हाहाकार
सौरभ वक्तानिया/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • मुंबई,
  • 24 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:43 AM IST
  • महाराष्ट्र में भारी बारिश से हाहाकार
  • कई इलाकों में सामने आईं लैंडस्लाइड्स की घटनाएं
  • अब तक 112 की गई जान

महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण संभाग में पिछले तीन दिनों में मूसलाधार बारिश और कुछ इलाकों में भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 112 हो गई, जिसमें अकेले तटीय रायगढ़ जिले में 52 लोग शामिल हैं. यह जानकारी राज्य सरकार ने दी. पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले में 78,111 और कोल्हापुर जिले में 40,882 सहित 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि सांगली में कृष्णा नदी और कोल्हापुर में पंचगंगा में बाढ़ है. हालांकि, बारिश कम हो गई है.

Advertisement

कोंकण के चिपलून, खेड़ और महाड़ जैसे बाढ़ प्रभावित शहरों में लोग आपदा से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. प्रशासन के सामने अभी चुनौती पानी और बिजली की आपूर्ति बहाल करने और प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और दवाओं की व्यवस्था करने की है.

रायगढ़ के तलिये गांव में गुरुवार को हुए भूस्खलन के बाद 41 शव बरामद किए गए हैं. पुलिस उप महानिरीक्षक (कोंकण) संजय मोहिते ने बताया कि कई अन्य अब भी लापता हैं. मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि अगले 24 घंटों में पश्चिमी तट पर बारिश की तीव्रता कम होने की उम्मीद है. 21 से 24 जुलाई के बीच, रायगढ़ जिले में 52 मौतें हुईं, इसके बाद रत्नागिरी (21), सतारा (13) और ठाणे (12) की मौत हुई.

कहा गया है कि कोल्हापुर में सात, मुंबई में चार, सिंधुदुर्ग में दो और पुणे में एक मौत हुई है. इन क्षेत्रों में कुल 99 लोग लापता हैं, जिनमें रायगढ़ में 53, सतारा में 27, रत्नागिरी में 14, ठाणे में तीन और सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 53 लोग घायल हो गए.

Advertisement
कई जिलों में भरा पानी

एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें बचाव अभियान में लगीं

एजेंसी के अनुसार, आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सतारा जिले में 3,024 और रत्नागिरी में 115 सहित 3,221 मवेशी भी मारे गए. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने राज्य में बचाव कार्यों के लिए 34 टीमों को तैनात किया है. इसके अलावा स्थानीय प्रशासन और सेना की टीमें बचाव और राहत कार्य में लगी हुई हैं. कलेक्टर शेखर सिंह ने कहा कि सतारा जिले में अंबेघर और ढोकावाले गांवों में भूस्खलन की जगहों से कम से कम 13 शव बरामद किए गए हैं. भूस्खलन गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को हुआ था.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में 'महाबाढ़' से हाहाकार, कोंकण में 6 हजार लोग फंसे, अभी भी अलर्ट पर पालघर-ठाणे

 

वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को फोन किया और राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि पीड़ितों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि केंद्र सरकार ने दो-दो लाख रुपये की घोषणा की है. इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में चावल, दाल और मिट्टी के तेल सहित राशन किट वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अलमट्टी बांध से पानी को समय पर छोड़ना सुनिश्चित करने के लिए पड़ोसी कर्नाटक के साथ समन्वय कर रही है ताकि कोल्हापुर जिले में बाढ़ को कम किया जा सके, जो जलाशय के ऊपर है.

Advertisement
बचाव अभियान में जुटी NDRF की टीमें

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन घातक साबित हुआ है, इसलिए सरकार पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थायी रूप से स्थानांतरित करने की योजना लेकर आएगी. वे सबसे घातक भूस्खलन वाली जगह तलिये गांव में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, "पहाड़ी ढलानों और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित कर दिया जाएगा. ऐसी जगहों से छोटी बस्तियों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई जाएगी."

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement