
महाराष्ट्र के बीड में अनोखी बारात देखने को मिली. यहां बैंड बाजे के साथ एक दामाद को गधे पर बैठाकर पूरे गांव में उसका जुलूस निकाला गया. इसके बाद ससुर ने दामाद को सोने की अंगूठी और कपड़े देकर उसे सम्मानित किया.
बीड जिले के विडा गांव में यह परंपरा पिछले 82 सालों से चली आ रही है. यहां होली के बाद धुलवड़ के दिन गांव के नए दामाद को गधे पर बैठाकर पूरे गांव घुमाया जाता है और फिर उसके साथ होली भी खेली जाती है. इस परंपरा को यहां के लोग बड़े ही उत्साह के साथ निभाते हैं.
दिलचस्प है इस परंपरा की कहानी
जानकारी के मुताबिक इस परंपरा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. सालों पहले इस गांव में रहने वाले ठाकुर आनंद देशमुख परिवार के एक दामाद ने होली में रंग लगवाने से मना कर दिया था. तब उनके ससुर ने उन्हें रंग लगाने के लिए मनाने की कोशिश की थी.
फूलों से सजा हुआ गधा मंगवाया गया, जिस पर दामाद को बैठाकर गले में जूते चप्पलों का हार पहना गांव में जुलूस निकाला गया था. इसके बाद दामाद को गधे पर बैठा मंदिर तक लाया गया, जहां आरती उतारी गई. नए कपड़े और सोने की अंगूठी दी गई. मुंह मीठा कराया गया. तब से हर साल गांव में ऐसा होता आ रहा. तकरीबन गांव में 200 से अधिक दामाद हैं.
हर साल अलग दामाद की तलाश की जाती है
हर साल धुलवाड़ी के त्योहार के दिन अलग दामाद को ढूंढा जाता है, जो कोई दामाद मिलेगा वो किसी भी समाज का हो उसको गधे पर बिठाकर जुलूस निकाला जाता है. कई बार तो गांव के कुछ दामाद इससे बचने के लिए छिपकर भागने की कोशिश करते हैं. मगर, गांव वाले उन पर पूरी नजर रखते हैं, ताकि परंपरा बदस्तूर जारी रहे.
(रिपोर्ट- रोहिदास हातागले)