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महाराष्ट्र: ओशो रजनीश के अनुयायी संन्यास माला पहनकर जबरन आश्रम में घुसे

महाराष्ट्र में ओशो रजनीश के अनुयायी संन्यास माला पहनकर जबरन आश्रम में घुस गए. अनुयायियों का आरोप है कि प्रबंधन आश्रम की जमीन बेचने की योजना बना रहा है. आश्रम के नियमों के अनुसार, माला पहनने की अनुमति नहीं है.

अनुयायियों के साथ ओशो रजनीश (फाइल फोटो) अनुयायियों के साथ ओशो रजनीश (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

महाराष्ट्र में ओशो रजनीश के अनुयायियों और ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन (OIF) प्रबंधन के बीच बीते मंगलवार से तनाव चल रहा है. ओशो के अनुयायियों का आरोप है कि प्रबंधन आश्रम की जमीन बेचने की योजना बना रहा है. इसको लेकर बुधवार को 200 से ज्यादा ओशो अनुयायी संन्यास माला पहनकर आश्रम में घुस गए. 

ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन ही कोरेगांव क्षेत्र में आश्रम का प्रबंधन करता है. पुलिस ने कहा कि बुधवार दोपहर 200 से अधिक प्रदर्शनकारी ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर (OIMC) में घुस गए.  

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आश्रम प्रबंधन ने एक दिन पहले ही कानून और व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए विरोध करने वाले ओशो अनुयायियों को विवादास्पद 'संन्यास माला' के साथ परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी थी. आश्रम के नियमों के अनुसार, माला पहनने की अनुमति नहीं है क्योंकि प्रबंधन का दावा है कि रजनीश ने बाद में अपने जीवन से माला हटा दी थी.  

डीसीपी जोन-2 स्मार्टाना पाटिल ने कहा कि मंगलवार को हमारे हस्तक्षेप के बाद, अनुयायियों को 'माला' के साथ आश्रम परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन आज वे जबरन प्रवेश कर गए. एक व्यक्ति जो अनुयायियों के समूह का हिस्सा नहीं था, हिंसक हो गया और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने की कोशिश की, जिसकी वजह से उसे हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. 

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प्रदर्शनकारियों में से एक, स्वामी चैतन्य कीर्ति ने कहा कि उनका इस आदमी से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि हंगामे के दौरान भारतीय मूल का अमेरिकी नागरिक जिसे दीक्षा नहीं मिली है, उसने आक्रामकता से कुछ कहा होगा और पुलिस द्वारा उसे भगा दिया गया था. कोरेगांव पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 के तहत व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.  

कोरेगांव पार्क थाने के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर विनायक वेताल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है, जो आश्रम के प्रबंधक के साथ मारपीट करने के आरोप में जबरन आश्रम में घुसे थे. उन्होंने कहा, "हमने दंगा सहित आईपीसी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. पांच से सात लोगों को नामजद किया गया है और बाकी अज्ञात हैं." 

 

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