
एक कांग्रेस आम जन के मुद्दों को लेकर देशभर में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी को यह भी उम्मीद है कि विपक्षी दल भी राहुल गांधी की इस यात्रा को दिल खोलकर सपोर्ट करेंगे. लेकिन कांग्रेस की इस यात्रा को लेकर विपक्ष के कई नेता उतने उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं.
भारत जोड़ो यात्रा पर अब एनसीपी नेता अजीत पवार का बयान भी आ गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक भारत जोड़ो यात्रा में आमंत्रित नहीं किया गया है. लेकिन इसके बाद भी अगर उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी की शेगांव रैली के लिए आमंत्रित किया गया है, तो वे जा सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने 4 नवंबर को हमारी पार्टी कार्यशाला में भाग लिया. मुझे एक निजी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होना था, इसलिए मैं 5 नवंबर को निकल गया और 10 नवंबर को वापस आ गया. इस दौरान राज्य में कई मुद्दे उठे थे, जिन पर मैं टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं था. हमेशा की तरह मेरे गायब होने और किसी चीज को लेकर खुश नहीं होने की अटकलें लगाईं गईं. मैं अपने ऊपर इस प्यार को समझ सकता हूं. लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं निजी कारणों से बाहर था इसलिए कोई टिप्पणी नहीं की.'
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार के बारे में बात करते हुए पवार ने कहा, 'असामान्य परिस्थितियों में बनी मौजूदा सरकार उस तरह से काम नहीं कर रही है, जैसे उसे करना चाहिए. अभी भी सरकार गठन के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है. इस सरकार के गठन के समय से ही पुलिस विभाग दबाव में है. हमारी पार्टी के कई कार्यकर्ता शिकायत कर रहे हैं कि पुलिस पर उनके वरिष्ठों के दबाव के कारण उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाती है. सीधे सीएम कार्यालय से आदेश दिए जाते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'पिछले चार महीने में कानून व्यवस्था चरमरा गई है. इसकी जिम्मेदारी सीएम और डिप्टी सीएम दोनों की होती है. यह हमारे राज्य के लिए गंभीर है. मैंने सीएम और डिप्टी सीएम दोनों को विधायकों और उनकी सरकार के मंत्रियों की टिप्पणी के बारे में भी चेतावनी दी है. मंत्री का अधिकारी से यह पूछना कि क्या वह शराब पीते हैं, स्वीकार्य नहीं है. वह इस तरह से बात करने वाले आम आदमी नहीं हैं.'
पवार ने आगे कहा, 'मंत्री सत्तार का सुप्रिया सुले के बारे में अभद्र टिप्पणी करना बेहद गंभीर मसला था. ऐसी टिप्पणियों के बारे में मैं केवल विनाशकाले विपरीत बुद्धि ही कह सकता हूं. सरकार में विधायकों को दी जाने वाली सुरक्षा का भुगतान करदाताओं के पैसे से किया जाता है. आजकल हर कोई Y+ सिक्योरिटी का झांसा दे रहा है. यहां तक कि पूर्व जनप्रतिनिधियों के पास भी बंदूकों के साथ अंगरक्षक हैं.'