
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को आश्चर्य जताया कि क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के मंत्रियों के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है. यह आरोप ऐसे वक्त में लगे हैं जब शिंदे भाजपा की मदद से ही राज्य में शासन कर रहे हैं.
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने सीएम शिंदे और उनके खेमे के विधायकों द्वारा पोस्टरों पर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की तस्वीरों का इस्तेमाल किए जाने पर भी कटाक्ष किया और कहा कि उन्हें उद्धव क्लिक किया था. शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, 'उनके पास तस्वीरों का इस्तेमाल करने का दिमाग भी नहीं है और वे राज्य पर शासन कर रहे हैं.'
शिंदे के मंत्रियों पर लगाए घोटाले में लिप्त होने के आरोप
उन्होंने शिंदे और अपने वफादार विधायकों का जिक्र करते हुए कहा, 'ऐसे बुलबुले (शिवसेना के बागी विधायक) लंबे समय तक नहीं रहते, उन्हें फूटने के लिए बस एक पिन की जरूरत होती है.' साथ ही विधान परिषद में एमएलसी ठाकरे ने कुछ मंत्रियों पर घोटालों में लिप्त होने का आरोप लगाया.
'हर दिन इन्हीं के लोग करते हैं घोटाले'
पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा, 'हर दिन घोटाले होते हैं. कुछ नैतिकता होनी चाहिए. मैंने एक मंत्री को बर्खास्त किया. तो क्या सभी घोटालेबाजों ने अपना घोटाला छिपाने के लिए पाला बदल लिया है? हम इन बुलबुले (शिंदे गुट के बागी विधायक) को फोड़ देंगे. लेकिन क्या भाजपा इन बुलबुलों को फोड़ने के लिए एक पिन का इस्तेमाल कर रही है क्योंकि जिस तरह से भ्रष्टाचार सामने आ रहा है, वे उन्हीं मंत्रियों (शिंदे गुट के) से संबंधित हैं.
सीएम शिंदे के इस्तीफे की मांग
उन्होंने कहा कि नए साल में कभी भी चुनावों की घोषणा की जा सकती है और बागी विधायकों को अगला चुनाव भाजपा के टिकट पर नहीं लड़ने की चुनौती दी. विपक्षी सदस्यों ने सीएम शिंदे के इस्तीफे की मांग की थी. यह तब हुआ था जब वह पिछली एमवीए सरकार में मंत्री थे, तब निजी व्यक्तियों को झुग्गी-झोंपड़ियों के लिए जमीन आवंटित करने के संबंध में उनके द्वारा लिए गए फैसले लिए गए थे. इसी तरह, उन्होंने पिछली राज्य सरकार में मंत्री रहते हुए एक निजी व्यक्ति के पक्ष में चराई के लिए आरक्षित भूमि के कब्जे के 'नियमितीकरण' के आदेश में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मंत्री अब्दुल सत्तार का इस्तीफा मांगा.