
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है. सोमवार को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी गिरफ्तारी अगर जांच एजेंसी चाहे तो हो सकती है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि अब अंतिम फैसले का इंतजार है.
शरद पवार से दरअसल सवाल किया गया था कि वे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर क्या कहना चाहेंगे. इसके जवाब में एनसीपी चीफ ने कहा कि अभी अंतिम फैसला आने दीजिए. हम देखेंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट से अनिल देशमुख को अंतरिम राहत नहीं मिल पाई है. इसे एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश को भी 100 करोड़ की रंगदारी और मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच में शामिल होने के समन भेजा जा सकता है.
अनिल देशमुख के अधिवक्ता एडवोकेट इंद्रपाल सिंह ने कहा, 'महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत नहीं दी है. ईडी के एक्शन से राहत पाने के लिए अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी. अनिल देशमुख को अगर ईडी समन भेजता है, तो वहां पेश होंगे.'
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सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से किया इनकार
अनिल देशमुख की ओर से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपील की थी कि उन्हें राहत न दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख को राहत देने से इनकार कर दिया.
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भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने कहा, 'अब अनिल देशमुख को जेल जाना पड़ेगा. 1000 करोड़ का हिसाब देना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया. मैं प्रवर्तन निदेशालय से अपील करता हूं कि उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरन्ट और लुक आउट नोटिस जारी करे.