
NCP प्रमुख शरद पवार का पावर गेम ऐसा है कि वो कब क्या कर जाएं, किसे झटका दे जाएं, पता ही नहीं चलता. ऐसा ही एक झटका उन्होंने दिया अपने भतीजे अजित पवार को. शरद पवार ने शनिवार को पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों के नाम ऐलान किया. मौका था एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस का. इस मौके पर बड़ा ऐलान कर शरद पवार में महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा कर दी. यूं तो इस पद के लिए अजित पवार की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी. लेकिन जब दोनों नाम सामने आए तो अजित पवार का नाम कहीं नजर ही नहीं आया.
शरद पवार ने बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कमान सौंपी है. उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं भतीजे अजित पवार को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया. दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष शरद पवार के करीबी प्रफुल्ल पटेल होंगे. सुप्रिया को महाराष्ट्र के साथ हरियाणा और पंजाब की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, प्रफुल्ल पटेल को राजस्थान-एएपी और मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं अब राजनीतिक गलियारों में अजित पवार के अगले कदम पर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
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दरअसल, NCP में शरद पवार की विरासत को लेकर चर्चा लंबे समय से चल रही है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या अपने फैसले से जरिए शरद पवार ने उत्तराधिकारी का संकेत दे दिया है और अगर ऐसा है तो फिर अजित पवार क्या करेंगे. क्योंकि फिलहाल पार्टी के सभी प्रमुख नेता शरद पवार के फैसले को सही बता रहे हैं. दरअसल, पिछले महीने 2 मई को जब शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने का फैसला किया, फिर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की तमाम अपील के बाद अपना फैसला बदल लिया तब से ही माना जा रहा था कि पवार का ये दांव आने वाले दिनों में पार्टी में बड़े बदलाव लाएगा और शरद पवार का अगला कदम. कई लोगों को झटका दे जाएगा.
क्या अजित को किनारे कर दिया है?
अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी में बदलाव के अपने फैसले से अजित पवार को किनारे कर दिया है? कारण, संगठन में हुए नए बदलाव और नई जिम्मेदारियों में अजित पवार का नाम नहीं है. इसे लेकर अब महाराष्ट्र में अटकलों वाली राजनीति चल रही है. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ ही अन्य जिम्मेदारी भी सौंपी है. सुप्रिया सुले को एनसीपी की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी का भी चीफ बनाया गया है. ये फैसला बेहद अहम है, क्योंकि चुनावी जिम्मेदारी मिलने के साथ पार्टी में सुप्रिया सुले की ताकत बढ़नी तय है.
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अजित ने ट्वीट कर फैसले का स्वागत किया
कई जानकारों का मानना था कि अजित पवार इस पद के दावेदार थे. लिहाजा इसे अजित पवार को झटके को तौर पर देखा जा रहा है. इसके बाद कयास लगने लगे कि अजित इससे नाराज हो सकते हैं, हालांकि उन्होंने ट्वीट कर फैसले का स्वागत किया और जिम्मेदारी मिलने पर सभी पार्टी मेंबरों को बधाई दी. उधर, बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर एनसीपी पर परिवारवाद का आरोप लगा रही है. अजित पवार के साथ एनसीपी में अन्याय होने की बात कह रही है.
महाराष्ट्र चुनाव में अजित को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
इस बीच अजित पवार की भूमिका को लेकर उठते सवालों के बीच ये बात सामने आ रही है कि पार्टी को एकजुट रखने के लिए महाराष्ट्र चुनाव में अजित पवार को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. शरद पवार के फैसले के बाद भरपाई की कोशिश की जा सकती है. यही वजह है कि पार्टी के नेता एकजुटता से चुनावी तैयारियों की बात कर रहे हैं. आने वाले चुनाव में शरद पवार के भरोसे पर खरा उतरने का भरोसा जता रहे हैं. पार्टी नेता शरद पवार के इस फैसले को सही बता रहे हैं. इस कदम का असर 2024 के चुनाव पर भी पड़ने का भरोसा जता रहे हैं.