
सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले और कंगना रनौत बनाम महाराष्ट्र सरकार के बीच छिड़े विवाद मामले में बीजेपी फूंक फूंककर अपने कदम रख रही है. सुशांत को लेकर एक तरफ बिहार चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जा रही है तो दूसरी तरफ कंगना मामले से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. ऐसे में दो सितारों और दो राज्यों की राजनीति के बीच फंसी बीजेपी बेहद सावधानी के साथ कदम बढ़ रही है. हालांकि, बीजेपी इन दोनों मुद्दों को राजनीतिक तौर पर भुनाने की जुगत में है.
बीजेपी ने सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय की मांग का मुद्दा तो उठाया, लेकिन महाराष्ट्र में अपने समीकरण न बिगड़ जाए इसे लेकर भी सावधानी बरत रही है. दरअसल, शिवसेना ने पूरे मामले को महाराष्ट्र विरोधी, मराठी विरोधी और मुंबई पुलिस विरोधी अभियान के तौर पर बताने की कवायद की है, जिसके चलते बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने से बच रही है. इतना ही नहीं जहां एक तरफ बीजेपी खुद को कंगना रनौत के मुंबई और पीओके वाले बयान से खुद को दूर रख रही है, वहीं महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज शिवसेना की कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी के तोड़फोड़ के लिए अलोचना भी कर रही है.
बीजेपी ने इस मामले के लिए अपने आधा दर्जन नेताओं को शिवसेना से दो-दो हाथ करने के लिए आगे कर दिया है. हालांकि, बीजेपी ने इस बारे में जरूर अपने नेताओं को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि सुशांत राजपूत और कंगना रनौत मामले पर किस तरह से बोलना है और कितना बोलना है. इस तरह से बीजेपी बिहार और महाराष्ट्र दोनों राज्यों के समीकरण को बनाए रखना चाहती है.
गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उनकी पार्टी ने कभी कंगना के मुंबई और पीओके की तुलना वाले बयान का समर्थन नहीं किया. हालाांकि, उन्होंने बांद्रा में कंगना रनौत के आफिस को गिराए जाने की घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा था और उसे बदले की कार्रवाई जरूर करार दिया था.
बीजेपी के महासचिव श्रीकांत भरतिया ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा है कि बीजेपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसका जनाधार देश भर में फैला है. हमने सुशांत राजपूत केस में जो भी स्टैंड लिया है वह मुद्दे पर आधारित है. हमने मुंबई की पीओके से तुलना किए जाने वाले कंगना के बयान का समर्थन नहीं किया. हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने बदले भावना से कंगना के दफ्तर को गिराया तब बीजेपी ने सवाल खड़े कए हैं.
माना जा रहा है कि बीजेपी ने सुशांत और कंगना रनौत बनाम शिवसेना मामले में उत्तर भारतीय की पहचान से जोड़ते हुए इसे बिहार चुनाव के लिए भुनाने का मौका बना लिया है. साथ ही पार्टी महाराष्ट्र में अपने पुराने साथी शिवसेना की छवि को भी इस मामले को लेकर धुमिल करन की जुगत में है. देवेंद्र फडणवीस को हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया है, जिसे सुशांत राजपूत मामले के तहत जोड़कर देखा जा रहा है. फडणवीस शुक्रवार को पटना पहुंच रहे हैं और बिहार चुनाव की कमान संभालेंगे. ऐसे में देखना होगा कि वो सुशांत मामले में क्या राजनीतिक स्टैंड लेते हैं.