Advertisement

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में क्लोजर रिपोर्ट के बाद आगे क्या होगा?

क्लोजर रिपोर्ट उन मामलों में दाखिल की जाती है, जब जांच एजेंसी को आरोपी के खिलाफ कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिलता. क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने का मतलब ये नहीं है कि मामला बंद हो गया है. मजिस्ट्रेट के पास इसे स्वीकार या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार है. अगर शिकायतकर्ता जांच के निष्कर्ष से असहमत हो, तो वह इसे अदालत में चुनौती दे सकता है.

सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो) सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो)
सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े 2 मामलों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. मुंबई की एक अदालत में जमा की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच के दौरान कोई ठोस सबूत नहीं मिला, जिससे उनकी मौत में किसी साजिश या आपराधिक कृत्य की पुष्टि हो सके.

क्लोजर रिपोर्ट का क्या मतलब होता है?

दरअसल, क्लोजर रिपोर्ट उन मामलों में दाखिल की जाती है, जब जांच एजेंसी को आरोपी के खिलाफ कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिलता. क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने का मतलब ये नहीं है कि मामला बंद हो गया है. मजिस्ट्रेट के पास इसे स्वीकार या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार है. अगर शिकायतकर्ता जांच के निष्कर्ष से असहमत हो, तो वह इसे अदालत में चुनौती दे सकता है. कानून के तहत जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट को अधिकृत मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल किया जाता है, जिन मामलों में उन्हें कोई सबूत नहीं मिलता, वहां क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जाती है.

Advertisement

मजिस्ट्रेट करते हैं रिपोर्ट की जांच

जब क्लोजर रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को सौंप दी जाती है, तो मजिस्ट्रेट रिपोर्ट की जांच करते हैं और अगर वह संतुष्ट हो जाते हैं कि कोई सबूत नहीं है, तो क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर सकते हैं और केस को बंद कर सकते हैं.

केस कब बंद होता है?

अगर मजिस्ट्रेट क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वह आगे की जांच का निर्देश दे सकते हैं, अगर मजिस्ट्रेट को लगता है कि और सबूतों की जरूरत है. अगर क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली जाती है, तो केस बंद हो जाता है, लेकिन शिकायतकर्ता इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकता है.

शिकायतकर्ता के पास अब क्या ऑप्शन?

शिकायतकर्ता के पास क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने वाली विरोध याचिका दायर करने का विकल्प होगा. इसके बाद कोर्ट या तो इसे खारिज कर सकता है और क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर सकता है, या याचिका को अनुमति दे सकता है और आगे की जांच का आदेश दे सकता है.

Advertisement

सुशांत सिंह राजपूत केस का ताजा घटनाक्रम

CBI ने अगस्त 2020 में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी., सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में FIR दर्ज कराते हुए अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और अन्य पर आत्महत्या के लिए उकसाने, आर्थिक गड़बड़ी और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जवाब में, रिया चक्रवर्ती ने मुंबई में एक शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने सुशांत की बहनों पर फर्जी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन लेने का आरोप लगाया था.

लंबी जांच के बाद CBI ने अब दोनों मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है, जिसमें कहा गया है कि सुशांत की मौत के पीछे किसी भी आपराधिक साजिश या गलत गतिविधि के सबूत नहीं मिले. अब अदालत तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या आगे की जांच के आदेश दिए जाएं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement