Advertisement

छात्राओं से यौन शोषण मामले में कोर्ट ने टीचर को सुनाई 5 साल की सजा, कहा- शिक्षक को ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर समझते हैं और...

टीचर को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा- "हमारे समाज में अभी भी परिवार द्वारा बालिका शिक्षा का पूरी तरह से समर्थन नहीं किया जाता है और जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो माता-पिता बेटियों को स्कूल भेजने में और डरने लगते हैं."

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
विद्या
  • मुंबई,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को एक शिक्षक को 10-11 वर्ष की आयु के चार छात्राओं के यौन शोषण के लिए 5 साल की जेल की सजा सुनाई. इस दौरान कोर्ट ने कहा- भारतीय समाज ने एक शिक्षक को 'ब्रह्मा', 'विष्णु' और 'महेश्वर' के  समझे जाने की बात भी कही. विशेष न्यायाधीश नाजेरा शेख ने 35 वर्षीय शिक्षक, चारुदत्त बोरोले को सजा सुनाते हुए कहा कि "यह शिक्षक का कर्तव्य है कि वह विद्यार्थियों की ऐसी देखभाल करे जैसे एक माता-पिता अपने बच्चों की करते हैं." न्यायाधीश शेख ने कहा कि बोरोले एक शिक्षक थे, "जब वे स्कूल में थे तब वह पीड़ितों के गार्जियन थे. शिक्षक होने के नाते फायदा उठाते हुए उन्होंने छात्राओं का यौन शोषण किया.

Advertisement

न्यायाधीश शेख ने आगे कहा कि छात्रों पर यौन हमले की ऐसी घटनाएं अन्य लड़कियों के शिक्षा लेने के अवसर को प्रभावित करती हैं. इस मामले में पीड़ितों ने अपराध की रिपोर्ट करने का साहस जुटाया है. आदेश में कहा गया है, "हमारे समाज में अभी भी परिवार द्वारा बालिका शिक्षा का पूरी तरह से समर्थन नहीं किया जाता है और जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो माता-पिता बेटियों को स्कूल भेजने में और डरने लगते हैं."
   
आदेश में कहा गया है, "ब्रह्मा के रूप में शिक्षक, ज्ञान , समझ और शिक्षा पैदा करता है .अनुशासन और बौद्धिकता लाता है उन्हें अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया जा सके. विष्णु के रूप में सिखाने का काम करता है. वहीं महेश्वर के रूप में, वह अज्ञानता को नष्ट कर देता है."

Advertisement

अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि बोरोले गणित और विज्ञान पढ़ाते थे और चार पीड़ित लड़कियों  के साथ उन्होंने छेड़छाड़ की थी, जो उस समय नवंबर 2015 और मार्च 2016 के बीच स्कूल परिसर में कक्षा 5 और 6 में पढ़ रही थीं. मामला तब सामने आया जब लड़कियों में से एक ने अपनी मां को बताया कि बोरोले ने अपना हाथ उसके सीने पर रखा था और एक महीने पहले उसने उसकी जांघ को छुआ था. लड़की ने कहा कि उसने एक अन्य शिक्षिका मिनाक्षी भोराडे को इस बारे में सूचित किया था जिसने पीड़िता को इस बात को खत्म करने के लिए कहा था. बच्ची की मां ने इसको लेकर अन्य अभिभावकों से बात की और स्कूल में शिकायत दर्ज कराई लेकिन जब कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आई तो उसने प्राथमिकी दर्ज करा दी. उन्हें यह भी पता चला कि इसी तरह की घटनाएं उनके बच्चों के साथ भी हुई थीं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement