Advertisement

पुणे: छात्रा को बचाने पानी में कूदे 2 MBA स्टूडेंट, तीनों की मौत

एमबीए की पढ़ाई कर रहे तीन छात्रों की पुणे के मुलशी बांध में डूबने से मौत हो गई है. तीनों छात्रों में से किसी को तैरने नहीं आता था. चार घंटे तक चले बचाव कार्य में पुणे दमकल विभाग ने तीनों छात्रों के शव पानी से निकाल लिए हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 02 मई 2019,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

पिकनिक मनाने गए एमबीए के 3 स्टूडेंट की पानी में डूबने से मौत हो गई. पुणे के मुलशी डैम के पानी में जैसे ही एक छात्रा उतरी, वह डूबने लगी. छात्रा को तैरने नहीं आता था. उसे बचाने की कोशिश में उसी के दो साथी पानी में कूद गए. दोनों छात्रों को भी तैरना नहीं आता था. छात्रों ने पानी से बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए. तीनों पानी में बुरी तरह फंसते चले गए. एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में तीनों छात्रों की मौत हो गई.

Advertisement

मौके पर मौजूद अन्य छात्रों ने जोर-जोर से स्थानीय लोगों से डूबते छात्रों को बचाने की अपील की लेकिन जब तक लोग आए बहुत देर हो चुकी थी. स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस और दमकल विभाग के लोग भी बचाव अभियान में शामिल हुए लेकिन तब तक तीनों छात्र डूब गए थे.

जिन छात्रों की मौत हुई वे सभी पुणे के भारतीय विद्यापीठ से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई कर रहे थे. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह 10 छात्र पिकनिक मनाने मुलशी बांध गए थे. इन छात्रों में 5 लड़के और और 5 लड़कियां थीं.

पौड़ पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अशोक धुमाल के मुताबिक छात्र-छात्राओं ने पिकनिक पर जाने की सूचना कॉलेज के किसी भी फैकेल्टी मेंबर को नहीं दी थी. सुबह 7 बजे ही छात्र पिकनिक के लिए निकल गए थे. चार घंटे तक चले बचाव कार्य में पुणे दमकल विभाग ने तीनों छात्रों के शव पानी से बाहर निकाल लिए.

Advertisement

तीनों छात्रों के शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. मरने वालों में एक लड़की और दो लड़के शामिल हैं. छात्रा का नाम संगीता नेगी है, वहीं छात्रों के नाम शुभम राज सिन्हा और शिवकुमार है.

संगीता दिल्ली की रहने वाली थी शुभम बिहार और शिवकुमार उत्तर प्रदेश का रहना वाला था.मुलशी बांध पुणे से 60 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले की रोड पर है.

गर्मी के दिन होने से बांध का जल स्तर बहुत कम हो जाता है. लेकिन इस दौरान कई जगह दलदल तो कई जगह गहरे गड्ढे बन जाते हैं. इसका अंदाजा नए लोगों को नहीं हो पाता है. ऐसा माना जा रहा है कि छात्रों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement