Advertisement

महाराष्ट्र के मंत्री मुंडे ने स्वीकारी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की बात, बीजेपी नेता ने चुनाव आयोग में की शिकायत

मुंडे के अपने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और बच्चों की बात स्वीकार करने ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुंडे के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है. बीजेपी नेता ने उन पर बच्चों, पत्नियों और संपत्ति की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है.

बढ़ती जा रही हैं एनसीपी नेता धनंजय मुंडे की मुश्किलें (फाइल फोटो) बढ़ती जा रही हैं एनसीपी नेता धनंजय मुंडे की मुश्किलें (फाइल फोटो)
कमलेश सुतार/विद्या
  • मुंबई,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:18 AM IST
  • महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री पर लगा रेप का आरोप
  • धनंजय मुंडे ने बलात्कार के आरोपों पर दी है अपनी सफाई
  • मुंडे के खिलाफ बीजेपी नेता ने चुनाव आयोग में की शिकायत

बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बता दें कि मुंबई में रहने वाली एक गायिका ने आरोप लगाया है कि मुंडे 2007 से लगातार बार-बार उसके साथ बलात्कार करते रहे हैं. हालांकि, महिला सिंगर के आरोपों को मंत्री ने नकारा है लेकिन सफाई में ये बात कही है कि उनके शिकायतकर्ता की बहन से संबंध हैं और इस रिश्ते से उनके दो बच्चे हैं.

Advertisement

मुंडे के अपने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और बच्चों की बात स्वीकार करने ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुंडे के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है. बीजेपी नेता ने उन पर बच्चों, पत्नियों और संपत्ति की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है.

सोमैया ने कहा, मुंडे ने खुद दो पत्नियां होने की बात स्वीकार की है और कहा है कि उनके नाम पर संपत्तियां हैं. जबकि यह जानकारी उनके चुनावी हलफनामे में नहीं दिखाई गई है. मैंने चुनाव आयोग से जांच के आदेश देने और कार्रवाई करने का अनुरोध किया है."

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी मांग की है कि मामले में सच्चाई सामने आनी चाहिए.

देखें: आजतक LIVE TV

हालांकि लीगल एक्सपर्ट को लगता है कि इस समय कोई चुनाव याचिका नहीं लगाई जा सकती है. पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील सतीश उकेय ने कहा, "उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव याचिका दाखिल करने के लिए एक समय सीमा होती है. इसके लिए चुनाव परिणाम की तिथि से 45 दिनों की समय सीमा होती है. चुनाव 2019 में आयोजित किया गया था. ऐसे में 45 दिन पहले ही समाप्त हो चुके हैं. और द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट 1951 के तहत हाई कोर्ट के समक्ष चुनाव याचिका दायर करने में देरी के लिए कोई प्रावधान नहीं है."

Advertisement

एक अन्य कानूनी विशेषज्ञ वकील सरोद ने कहा, "द्विपत्‍नीत्‍व के आरोप मुंडे के मामले में स्थापित नहीं होते हैं क्योंकि उन्होंने दूसरी महिला से शादी नहीं की थी बस एक रिश्ते में थे. इसलिए चुनावी हलफनामे में इसकी घोषणा का कोई सवाल ही नहीं है. हालांकि बच्चों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है. अगर कोई शिकायत करता है तो चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है."

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement