Advertisement

महाराष्ट्र उपचुनाव: उद्धव गुट की उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस, नहीं मंजूर हुआ इस्तीफा

महाराष्ट्र की अंधेरी सीट पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से रुतुजा लटके को उम्मीदवार बनाया गया है. लेकिन ठाकरे गुट ने BMC पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार के दवाब में आकर एक रुतुजा का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. बता दें कि रुतुजा BMC में कर्मचारी थीं और चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. लेकिन उनका इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं हुआ है, जिससे कि वो नामांकन नहीं कर पा रही हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:40 PM IST

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने मुंबई नगर निकाय पर आरोप लगाया है कि शिंदे सरकार के दबाव में निकाय अंधेरी उपचुनाव के उम्मीदवार के इस्तीफे में देरी कर रहा है. उद्धव खेमे की उम्मीदवार रुतुजा लटके बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में क्लर्क हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट के सदस्य अनिल परब ने आरोप लगाया कि बीएमसी रुतुजा को एनओसी देने में देरी कर रही है क्योंकि वे राज्य सरकार के दबाव में हैं. नियमों के मुताबिक कोई सरकारी कर्मचारी चुनाव नहीं लड़ सकता है और रुतुजा अंधेरी सीट से उपचुनाव लड़ना चाहती हैं.

Advertisement

ठाकरे गुट के नेता ने BMC पर लगाए गंभीर आरोप

बुधवार को अनिल परब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि बीएमसी ने रुतुजा के इस्तीफे का जवाब नहीं दिया है. ऐसी स्थिति में वो चुनाव नहीं लड़ सकतीं हैं और नामांकन दाखिल करने की समय सीमा भी नजदीक है. देश में कुल 7 सीटों पर 3 नवंबर को विधानसभा उपचुनाव होने हैं. अनिल परब ने कहा कि रुतुजा ने 2 सितंबर को सशर्त इस्तीफा दे दिया, लेकिन जब वह एक महीने के बाद अपना एनओसी लेने गई, तो उन्हें बताया गया कि उनका इस्तीफा उचित प्रारूप में नहीं है, इसलिए उन्होंने 3 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया. 

'सरकार बना रही BMC पर दवाब'
 
बता दें कि रुतुजा शिवसेना के पूर्व विधायक रमेश लटके की विधवा हैं, जिनका इस साल की शुरुआत में निधन हो गया था. इसके बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया गया. परब ने कहा कि रुतुजा लटके को शिंदे समूह द्वारा एक मंत्री के पद की पेशकश की जा रही है और शिंदे समूह उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहा है. इसलिए, बीएमसी पर उसे एनओसी नहीं देने का दबाव डाला जा रहा है. उनके खिलाफ कोई कर्ज या अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित नहीं है. हालांकि, उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया. मैं तीन बार आयुक्त से मिला. लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं था. यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार की ओर से नगर आयुक्त पर दबाव है.

Advertisement

बस फाइलों को इधर-उधर कर रहे हैं अधिकारी

परब भी इस बात से सहमत थे कि रुतुजा का प्रारंभिक इस्तीफा सशर्त था, जिसका मतलब था कि चुनाव के बाद उनके भाग्य का फैसला किया जाएगा. बीएमसी ने इस प्रारूप को खारिज कर दिया. परब ने कहा, 'लटके सी श्रेणी में आते हैं. इसलिए मामले का फैसला संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा किया जा सकता है. मैंने इस्तीफे की मंजूरी के बारे में बीएमसी अधिकारियों से बात की थी, लेकिन फाइलें इस टेबल से उस टेबल पर जा रही हैं.'

ठाकरे गुट से चुनाव लड़ना चाहती हैं रुतुजा

परब ने आगे कहा कि वे इस मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा, 'रमेश लटके एक समर्पित शिव सैनिक थे. उन्होंने कई शाखाओं में काम किया और शिवसेना में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसलिए हमने उनके परिवार को टिकट देने का फैसला किया. इस मामले में, हमने अदालत में अपील दायर की.' उन्होंने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को दोपहर में होने की संभावना है.

BMC ने दिया ये जवाब

इस बीच, बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, 'नियम बीएमसी को 30 दिनों के भीतर इस्तीफे पर फैसला करने की अनुमति देते हैं. उन्होंने 3 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया. अब फाइल की समीक्षा की जा रही है.'

Advertisement

फडणवीस ने आरोपों को बताया निराधार

इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि मुंबई नगर निकाय द्वारा अंधेरी (पूर्व) उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े की उम्मीदवार रुतुजा लटके का इस्तीफा मंजूर करने में कथित देरी में महाराष्ट्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है.

फडणवीस ने कहा कि BMC एक स्वशासी और स्वायत्त निकाय है. लटके का इस्तीफा मंजूर करना है या नहीं, यह बीएमसी प्रशासन तय करेगा. महाराष्ट्र सरकार का इस्तीफा मंजूर करने में कथित देरी से कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा यह चुनाव शिंदे के साथ मिलकर ही लड़ेगी. खबरें हैं कि भाजपा इस सीट पर मुरजी पटेल को उम्मीदवार बना सकती है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement