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'असली शिवसेना' गुट के फैसले पर उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने राहुल नार्वेकर पर साधा निशाना, बोले- 'अब जनता की अदालत में होगी लड़ाई...'

महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट में शिवसेना पर अपने-अपने दावे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अब उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने एकनाथ शिंदे गुट को खुली बहस की चुनौती दी है.

उद्धव ठाकरे ने राहुल नार्वेकर पर साधा निशाना. (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे ने राहुल नार्वेकर पर साधा निशाना. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 17 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:40 AM IST

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के फैसले पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने मोर्चा खोल दिया है. इस क्रम में खुद उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि अब वह इस लड़ाई को जनता की अदालत में ले जाएंगे.

उद्धव ने दी खुली बहस की चुनौती

उद्धव ने मंगलवार को मेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और कहा कि उनकी ये लड़ाई ये तय करेगी की देश में लोकतंत्र बचेगा या नहीं.  उन्होंने नार्वेकर को धोखेबाज करार देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर को खुली बहस करने की भी चुनौती दी है कि असली शिवसेना कौन-सा गुट है.

उद्धव ठाकरे ने अपनी बात को साबित करने के लिए साल 2013 और 2018 में पार्टी प्रमुख के रूप में अपने चुनाव के पुराने वीडियो दिखाएं. एक वीडियो में नार्वेकर उस पार्टी कार्यक्रम में भाग लेते हुए दिखाई दे रहे हैं, जब वह अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे. ठाकरे ने पूछा कि अगर वह वैध शिवसेना प्रमुख नहीं थे, तो 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा ने उन्हें दिल्ली क्यों आमंत्रित किया.

मामले के कानूनी पहलू की देखभाल करने वाली टीम का हिस्सा रहे शिवसेना यूबीटी नेता अनिल परब ने कहा कि 2018 और 2022 के बीच, भारत के चुनाव आयोग ने अविभाजित शिवसेना और उद्धव ठाकरे के साथ नियमित रूप से संवाद किया.

वहीं, उद्धव ठाकरे गुठ के सदस्य संजय राउत ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल नार्वेकर पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जिस तरह से फैसला दिया है. उस बारे में हम पोल खोल कर रहेंगे. उन्होंने संविधान की अनदेखी की है, वो कानून को नहीं मानते. चुनाव आयोग से लेकर राज्यपाल तक आप (बीजेपी) उनकी शक्तियों के साथ खेल रहे हैं. आपको क्या नैतिक अधिकार है ये बातें बोलने का. जिस पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी दस साल में एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर सके. महाराष्ट्र में उनके चेले हमसे सवाल पूछते हैं. आप प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों बुलाते हैं, हम प्रेस को इस लिए बुलाते हैं, क्योंकि जनता के सवालों का सामना करने की हिम्मत हमारे अंदर है और हम सच का सामना करेंगे और सच बोलेंगे.

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SC के निर्देशों पर किया फैसला: राहुल नार्वेकर

दूसरी ओर राहुल नार्वेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने अपना काम सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के आधार पर किया है और राज्य के लोग इसकी सच्चाई जानते हैं. नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान यह तय करने के लिए वैध था कि कौन-सा गुट असली शिवसेना है.   नार्वेकर ने 10 जनवरी को लंबे समय से प्रतीक्षित फैसले में कहा कि शिंदे गुट ही असली सेना है, जबकि जून 2022 में पार्टी में विभाजन के बाद शिंदे और ठाकरे दोनों गुटों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था.

ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य न ठहराने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए नार्वेकर ने कहा कि उन्हें जारी किया गया व्हिप ठीक से नहीं भेजा गया था.
उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए नार्वेकर ने कहा कि एक "अंशकालिक अध्यक्ष या अंशकालिक वकील" काम नहीं कर सकता है और किसी को खुद को पूरी तरह से पार्टी के लिए समर्पित करना होगा. किसी पार्टी द्वारा बनाए गए नियम सिर्फ कागज पर नहीं होने चाहिए बल्कि उन्हें लागू किया जाना चाहिए, नार्वेकर ने आगे कहा, पार्टी चलाना जिम्मेदारी का मामला है.

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'19 जनवरी के लिस्टेड हो सकता है मामला'

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर उद्धव ठाकरे ने स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'असली शिवसेना' के रूप में मान्यता देने वाले महाराष्ट्र अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उद्धव ठाकरे गुट की याचिका 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लिस्टेड होने की संभावना है.

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