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अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे, चुनाव बाद फिर जोर पकड़ेगा मंदिर मुद्दा?

लोकसभा चुनाव से पहले सुर्खियों में छाया रहा राम मंदिर मुद्दा एक बार फिर गरमाता दिख रहा है. नवंबर माह के अंत में भी अयोध्या में डेरा डाल केंद्र सरकार को घेरने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे चुनाव बीतते ही एक बार फिर अयोध्या जाने की तैयारी में हैं. शिवसेना की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ठाकरे के दौरे का कार्यक्रम तैयार है.

Uddhav Uddhav
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 05 जून 2019,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले सुर्खियों में छाया रहा राम मंदिर मुद्दा एक बार फिर गरमाता दिख रहा है. नवंबर माह के अंत में भी अयोध्या में डेरा डाल केंद्र सरकार को घेरने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे चुनाव बीतते ही एक बार फिर अयोध्या जाने की तैयारी में हैं. शिवसेना की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ठाकरे के दौरे का कार्यक्रम तैयार है. इसकी आधिकारिक घोषणा कभी भी की जा सकती है.

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सूत्रों की मानें तो शिवसेना प्रमुख 15 जून को अयोध्या जाएंगे. उद्धव ने अगर अयोध्या का दौरा किया तो राम मंदिर मुद्दा जोर पकड़ सकता है. उद्धव के दौरे की जानकारी उस समय आई है, जब मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार को लेकर आक्रामक रूख दिखाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक दिन पहले ही इस मुद्दे पर नरमी दिखाई थी. कानपुर में भागवत ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए हम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटाने की मांग करते हुए कहा था कि देश की जनता को उम्मीद है कि मोदी सरकार कश्मीर से धारा 370 हटाएगी.  बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 25 नवंबर को विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में शामिल हुए थे. ठाकरे ने केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार का नेतृत्व कर रही अपनी सहयोगी बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह राम मंदिर का श्रेय लेने नहीं, मंदिर निर्माण की तारीख जानने आए हैं. कुंभकर्णी निद्रा में सो रही सरकार को जगाने आए हैं.

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शिवसेना प्रमुख ने तब तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा था कि पूरा देश इंतजार कर रहा है कि राम मंदिर का निर्माण कब होगा. हम कब तक इंतजार करते रहेंगे. उद्धव ने सीएम योगी के बयान को आधार बनाकर कहा था कि वह कहते हैं कि वहां मंदिर था, है और रहेगा. लेकिन हमारी धारणा है कि मंदिर दिखना भी चाहिए. उसके लिए कानून बनाएं, अध्याधेश लाएं, कुछ भी करिए लेकिन मंदिर जल्द बनाइए. रामलला के दर्शन पर ठाकरे बोले कि दर्शन के लिए जाते वक्त लग रहा था कि मंदिर जा रहा या जेल. ठाकरे ने तब केवल चुनाव के समय ही मंदिर मुद्दा उठाने और इसके बाद कोई प्रयास नहीं करने के लिए बीजेपी की आलोचना की थी.

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