
उद्धव ठाकरे ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन के लिए हमसे संपर्क किया था क्योंकि नोटबंदी के बाद पीएम मोदी ने जनता के बीच अपनी पकड़ खो दी थी. वे जानते थे महाराष्ट्र में बालासाहेब के नाम के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.
दरअसल आज उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं की बैठक थी, जिसमें उपचुनाव में चुनाव चिन्ह के लिए एकराय के लिए नेताओं को बुलाया गया था ताकि कल यानी सोमवार को दोपहर एक बजे तक चिन्ह आयोग को सौंप दिया जाए. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में बालासाहेब ठाकरे के नाम के अलावा कोई और विकल्प नहीं है, इसलिए वो हमारा नाम मिटाना चाहते हैं.
अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि यह हमारी आखिरी लड़ाई है, जिसे हमें उनके खिलाफ जीतनी है, जो हमें छोड़कर गए थे. इससे पहले भी मेरे अपने भाई राज ठाकरे और बालासाहेब के करीबी लोगों ने हमें धोखा दिया था, लेकिन हमने सभी को हरा दिया. अब यह आखिरी लड़ाई है, जिसको जीतना है, फिर हमारे सामने महाराष्ट्र में कोई नहीं टिक सकता है.
उद्धव ठाकरे गुट के विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि उपचुनाव के लिए नए चुनाव चिन्ह के विकल्पों को लेकर आज बैठक हुई थी, जिसमें उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत रहने का अनुरोध किया है. उद्धव गुट के विधायक ने कहा कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर योजना बनाई और इस तरह के आदेश दिया क्योंकि हमें किसी भी कार्रवाई के लिए समय नहीं देना है. हमारे सभी विकल्प बंद कर दिए गए हैं. हमारे पास कल तक का समय है. उद्धव ठाकरे एक विकल्प की तलाश में हैं, कल तक इन विकल्पों के लिए आवेदन करेंगे.
10 अक्टूबर को पेश करने होंगे चिन्ह
दरअसल चुनाव आयोग ने शिंदे और ठाकरे गुटों से कहा है कि उन्हें 10 अक्टूबर दोपहर एक बजे तक अपने-अपने चुनाव चिन्ह आयोग में पेश करने होंगे. दोनों पक्ष फ्री सिंबल्स में से अपनी पसंद प्राथमिकता के आधार पर बता सकेंगे. आयोग ने अपने फरमान में दोनो धड़ों को ये छूट जरूर दी है कि दोनों अपने नाम के साथ चाहे तो सेना शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं.
बीते 8 अक्टूबर को जारी किए गए अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा है कि शिवसेना धनुष और तीर' चुनाव चिन्ह के साथ महाराष्ट्र में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी है. शिवसेना के संविधान के प्रावधानों के अनुसार, शीर्ष पर स्तर पर पार्टी में एक प्रमुख और एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी है. आगे आयोग ने कहा 25 जून, 2022 को उद्धव ठाकरे की तरफ से अनिल देसाई ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया था. उन्होंने 'शिवसेना या बालासाहेब' के नामों का उपयोग कर किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना के लिए अग्रिम आपत्ति जताई थी.