
मुंबई स्थित उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री में शिवसेना (यूबीटी) के सांसदों की अहम बैठक करीब 3 घंटे तक चली, जिसमें पार्टी के 9 में से 8 सांसद शामिल हुए. केरल में होने के कारण सांसद अरविंद सावंत इस बैठक में शामिल नहीं हो सके. बैठक के बाद पार्टी सांसदों ने एकजुटता का संदेश देते हुए साफ किया कि कोई भी सांसद नाराज नहीं है और न ही किसी के पार्टी छोड़ने का सवाल है.
उद्धव गुट के सांसद नागेश अष्टीकर ने कहा कि आज की बैठक में उद्धव ठाकरे के साथ संगठन के मुद्दों पर चर्चा हुई. सभी सांसद पार्टी नेतृत्व के साथ मजबूती से खड़े हैं, कोई भी सांसद नाराज नहीं है, न ही किसी के पार्टी छोड़ने की बात है.
वहीं उद्धव गुट के एक और सांसद संजय दिना पाटिल ने कहा कि हम उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर कहीं क्यों जाएंगे? हम जहां हैं, वहां खुश हैं. शिंदे गुट से किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है.
दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी. उन्होंने तर्क दिया कि पहले ये पद विपक्षी दलों को दिया गया था, जबकि उस समय उन्होंने 10 प्रतिशत सीटें भी नहीं जीती थीं. उन्होंने कहा कि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में विपक्षी दलों की संयुक्त ताकत लगभग 50 है. संजय राउत ने दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी. भले ही विधायकों की संख्या कम हो, लेकिन संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि सदन को विपक्ष के नेता के बिना काम करना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) के पास 20 विधायकों की ताकत है.
इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अगर शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करती है, तो वह विधान परिषद में भी उसी पद की मांग करेगी. वर्तमान में, शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं, लेकिन एमएलसी के रूप में उनका कार्यकाल इस साल अगस्त में समाप्त हो जाएगा.