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संजय राउत से जेल में नहीं मिल पाए उद्धव ठाकरे, अधिकारी ने कहा- कोर्ट से लाएं अनुमति

उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के अन्य नेता के माध्यम से जेल अधिकारियों से कहा था कि संजय राउत के साथ बैठक जेल की केबिन में रखी जाए. जेल अधिकारियों ने अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि बैठक की अनुमति अदालत से मांगी जाए. इसके साथ ही उनसे कहा गया कि अन्य कैदियों की तरह ही मुलाकात हो सकेगी.

उद्धव ठाकरे और संजय राउत (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे और संजय राउत (फाइल फोटो)
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 07 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आर्थर रोड जेल के अधिकारियों से सांसद संजय राउत से मिलने की अनुमति मांगी थी. जेल अधिकारियों ने अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि कोर्ट से अनुमति ली जाए. संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. 

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उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के अन्य नेता के माध्यम से जेल अधिकारियों से कहा था कि संजय राउत के साथ बैठक जेल की केबिन में रखी जाए. जेल अधिकारियों ने अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि बैठक की अनुमति अदालत से मांगी जाए. इसके साथ ही कहा कि जेलर केबिन में बैठक नहीं हो सकती, यह बैठक जेल के नियमों के अनुसार होगी जैसे अदालत की अनुमति के बाद कैदियों और उनसे मिलने वालों की होती है.  

शिवसेना सांसद और सामना के संपादक संजय राउत पात्रा चॉल घोटाले में आरोपी हैं. ईडी ने 1,034 करोड़ रुपये के घोटाले में 1 अगस्त को करीब 6 घंटे पूछताछ की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.  

यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला 

- ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. यह काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे. 

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- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए. 

- जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी. 

- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे. 

- 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे. 

- ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है. 

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- ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है.
 

 

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