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उद्धव की CM एकनाथ को चुनौती- हम असली शिवसेना, शिवाजी पार्क में हमारी रैली होगी

महाराष्ट्र में एक बार फिर उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे की जंग शुरू होने जा रही है. दशहरा पर शिवाजी पार्क में कौन रैली करेगा, इस मुद्दे पर जंग छिड़ गई है. दोनों तरफ से दावा हो रहा है कि असल शिवसेना उनकी है, ऐसे में दोनों ही नेता शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत मांग रहे हैं.

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे
ऋत्विक भालेकर
  • पुणे,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST
  • हर साल शिवाजी पार्क में होती है शिवसेना की रैली
  • एकनाथ शिंदे करना चाहते दशहरा रैली, उद्धव का एतराज

महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय शिवसेना की अंदरूनी लड़ाई ही चर्चा का केंद्र बनी हुई है. उद्धव ठाकरे सत्ता से बेदखल जरूर हो गए हैं, लेकिन शिवसेना पर वे अपनी पकड़ कमजोर करना नहीं चाहते. इसी वजह दशहरा के मौके पर वे एक बार फिर शिवारी पार्क में मेगा रैली करना चाहते हैं. उस रैली में सैकड़ों शिवसैनिकों के आने की बात कर रहे हैं. अब ये शिवसेना की परंपरागत रैली है जो हर साल दशहरा पर होती है और पूरे देश को संदेश देने का काम होता है.

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उद्धव की चेतावनी- शिवाजी पार्क में ही होगी दशहरा रैली

इस बार फर्क ये आ गया है कि सीएम एकनाथ शिंदे भी शिवाजी पार्क में ही दशहरा रैली करना चाहते हैं. वे शिवसेना को अपनी पार्टी मानते हैं, ऐसे में वहां पर रैली कर उस हक को और ज्यादा मजबूत करना चाहते हैं. अब इस विवाद पर उद्धव ठाकरे ने दो टूक जवाब देने का काम किया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि हर कीमत पर उनकी शिवसेना की रैली शिवाजी पार्क में होने वाली है. वे कहते हैं कि असली शिवसेना की यानी हमारी दशहरा रैली मुंबई के शिवाजी पार्क में ही होगी. राज्यभर से शिवसैनिक इस रैली के लिए पहुंचेंगे. सरकार अनुमति देगी नहीं देगी, ये तकनीकी बाते हैं. हम नहीं जानते कोई रैली कर रहा है या नहीं कर रहा, हमे कोई फर्क नहीं पड़ता.

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शिवसेना कोई वस्तु नहीं जेब में डाल ले- उद्धव

वहीं पार्टी में हुई बगावत पर भी उद्धव ठाकरे ने तल्ख टिप्पणी की है. जोर देकर कहा गया है कि शिवसेना गद्दारों से नहीं शिवसैनिकों के खून से बनी है. इस बारे में वे कहते हैं कि महाराष्ट्र की मिट्टी गद्दारी के बाद मर्दों को जन्म देती है नामर्दो को नहीं. शिवसेना कोई रास्ते पर पड़ी हुई वस्तु नहीं जो कोई भी उठा कर उसे अपने जेब में डाल ले. शिवसेना को 56 साल पूरे होने जा रहे हैं, ऐसे कई छप्पन आए और चले गए, लेकिन हमे फर्क नहीं पड़ा. जब उद्धव ठाकरे से गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि कोई भी कभी खुशी में पार्टी नहीं छोड़ता है. जो लोग गद्दारी कर गए, उन्हें ही मालूम नही की उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी.

विवाद क्या है?

अब जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना की वजह से दशहरा के मौके पर शिवसेना की शिवाजी पार्क में रैली नहीं हो पा रही थी. लेकिन इस बार स्थिति सामान्य है, ऐसे में रैली की पूरी तैयारी की जा रही है. लेकिन सवाल ये है कि इस रैली को एकनाथ शिंदे संबोधित करेंगे या फिर उद्धव ठाकरे?

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