
पात्रा चॉल घोटाले में फंसे शिवसेना सांसद संजय राउत जेल में हैं. ऐसे में अब पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादक की जिम्मेदारी एक बार फिर खुद उद्धव ठाकरे ने अपने कंधे पर ले ली है. उद्धव अब सामना के मुख्य संपादक के तौर पर नियुक्त हो गए हैं.
सामना की कमान संभालते ही उद्धव ने राजनीतिक दलों की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी है. सोमवार (8 अगस्त) को जारी हुए सामना के संपादकीय में शिवसेना ने एक तरफ कांग्रेस की तारीफ की है तो वहीं, टीएमसी और एनसीपी सहित दूसरी प्रादेशिक पार्टियों को निशाना बनाया है.
सामना की संपादकीय में विपक्षी पार्टियों से सवाल पूछा गया है कि महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और ईडी जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग पर कांग्रेस के आंदोलन में दूसरी पार्टियां सड़क पर क्यों नहीं उतर रही हैं?
सामना में आगे लिखा गया है कि पुलिस ने राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की की. प्रियंका गांधी को तो पुलिस खींचते और घसीटते हुए ले जा रही थी. राहुल गांधी ने निडर होकर कहा, 'मैं आपकी ईडी से नहीं डरता, चाहे जो कार्रवाई करो!’ महाराष्ट्र में संजय राऊत पर इसी तरह से बदले की कार्रवाई होते ही शिवसेना ने आक्रामक भूमिका निभाई. लेकिन विपक्ष के अन्य नेताओं की भूमिका संदिग्ध है.
संपादकीय में आगे लिखा गया कि यह लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए चिंताजनक है. ‘ईडी’ का उपयोग करके राज्यों की सरकार गिराई और बनाई जाती है. इस रास्ते का इस्तेमाल करके महंगाई, बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी आवाज दबा दी जाती है, यह काले इतिहास में दर्ज होगा. यह आज दुम दबाने वालों को ध्यान रखना चाहिए.
उद्धव ने पहली बार ममता बनर्जी को भी निशाने पर लिया. उद्धव ने कहा है कि दिल्ली में कांग्रेस जब सड़क पर उतरी तो शायद प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में थीं और उनके राज्य का जीएसटी बकाया मिले इसका अनुरोध कर रही थीं. उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में छिटपुट वजहों के कारण उन्होंने वोट नहीं दिया, यह बात हमें गंभीर लगती है.
उन्होंने आगे कहा कि प. बंगाल में ‘ईडी’ और ‘सीबीआई’ की राजनीतिक कार्रवाइयां बढ़ गईं हैं, उसका यह परिणाम नहीं होगा, लेकिन राहुल और सोनिया गांधी को भी ‘ईडी’ ने घेर लिया है फिर भी वे महंगाई-बेरोजगारी के खिलाफ वे सड़क पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं.
उद्धव ने नसीहत दी है कि ऐसे समय में सभी मतभेद भुलाकर विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है. विपक्ष के बिखराव में ही भाजपा की ताकत है. अन्य विरोधियों के लिए यह सबक है. कोई सही में भयमुक्त है तो उसे यह सबक लेना चाहिए.
कस्टडी में हैं संजय राउत
ईडी ने 31 जुलाई को संजय के घर छापा मारा था. संजय राउत पर पीएमएलए ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. ईडी की टीम ने संजय के घर सुबह 8 बजे छापा मारा था. शाम तक सर्चिंग की गई थी. बाद में ईडी की टीम संजय को लेकर दफ्तर पहुंची थी. यहां 6 घंटे से ज्यादा संजय से पूछताछ हुई, उसके बाद ईडी ने आधी रात में संजय की गिरफ्तारी दिखाई थी. दूसरे दिन एक अगस्त को ईडी की टीम संजय को कोर्ट पहुंची थी. तब से संजय 8 अगस्त तक की कस्टडी में चल रहे हैं.