
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी मुंबई के मरोल में अलजामिया-तुस-सैफियाह (सैफी अकादमी) के नए परिसर का दौरा किया. उद्धव ठाकरे ने परिसर में दाऊदी बोहरा समुदाय के मुखिया सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात की. उद्धव के साथ उनके बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे भी थे.
उद्धव ठाकरे के इस कदम से माना जा रहा है कि मुंबई में होने वाले बीएमसी चुनावों के लिए शिवसेना (UBT) बोरा समुदाय के वोटों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. बोरा समुदाय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'उद्धव ठाकरे परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मिलने आए और नए परिसर के उद्घाटन पर अपनी शुभकामनाएं दी. इसके लिए वे मरोल में अलजमीया तुस सैफियाह अरबी अकादमी गए.'
पीएम मोदी के दौरे को बताया था 'राजनीतिक लाभ'
बता दें कि पिछले हफ्ते, उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए दाऊदी बोहरा समुदाय के पास गए थे. हाल ही में, उद्धव ने कोर मराठी वोटर्स के अलावा अन्य समुदायों से संपर्क बढ़ाना शुरू किया है. पिछले हफ्ते उन्होंने मुंबई के गोरेगांव इलाके में एक जैन मंदिर का उद्घाटन किया और उत्तर भारतीय समुदाय की एक सभा भी आयोजित की. पीएम के कार्यक्रम के बाद उद्धव के सैफी अकादमी जाने पर सवाल उठे थे कि मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में समुदाय की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए उन तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है.
'बोहरा समुदाय का अहम योगदान'
बोहरा समुदाय के सूत्रों ने कहा कि परम पावन के सभी राजनीतिक दलों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. उन्होंने कहा, 'बोहरा समुदाय ने मुंबई और अन्य शहरों (जहां वे रहते हैं) की तरक्की और विकास में योगदान दिया है. मुंबई में सैफी अकादमी खोलना उसी दिशा में एक कदम है.'
पहले जा नहीं सके थे उद्धव ठाकरे
जब शिवसेना सांसद संजय राउत से पूछा गया कि उद्धव भी मोदी के साथ उसी जगह जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को भी उसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था. हालांकि, वह किसी कारण से नहीं जा सके और यही कारण है कि ठाकरे अब बोहरा समुदाय की नई पहल का निरीक्षण करने के लिए वहां गए हैं.
बोहरा समुदाय को साधने की कोशिश
राउत ने कहा कि बोहरा समुदाय और शिवसेना का पुराना रिश्ता है. बाला साहेब ठाकरे के समय से भी बोहरा समुदाय हमेशा शिवसेना के साथ खड़ा रहा है. शिवसेना ने भी समय-समय पर बोहरा समुदाय को समर्थन देने का काम किया है.