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महाराष्ट्र के मंत्री के खुले में पेशाब करने से बीजेपी शर्मसार

वीडियो क्लिप में महाराष्ट्र सरकार में जल संरक्षण मंत्री राम शिंदे को शनिवार को कार्यालय संबंधी एक दौरे के दौरान सोलापुर-बार्शी मार्ग पर खुले में पेशाब करते हुए दिखे हैं. इसे विडंबना ही कहेंगे कि विश्व शौचालय दिवस के मौके पर ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

राम शिंदे (फाइल फोटो) राम शिंदे (फाइल फोटो)
रोहित
  • मुंबई,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को उनके ही एक वरिष्ठ मंत्री के खुले में शौच करने की वजह से पार्टी को शर्मसार होना पड़ा है. इससे संबंधित एक वीडियो वायरल होने के बाद सरकार के स्वच्छ भारत अभियान पर कई सवाल उठाए गए.

वीडियो क्लिप में महाराष्ट्र सरकार में जल संरक्षण मंत्री राम शिंदे को शनिवार को कार्यालय संबंधी एक दौरे के दौरान सोलापुर-बार्शी मार्ग पर खुले में पेशाब करते हुए दिखे हैं. इसे विडंबना ही कहेंगे कि विश्व शौचालय दिवस के मौके पर ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.

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हालांकि शिंदे ने यह कहते हुए अपना बचाव किया है कि वह अस्वस्थ थे, इसलिए उन्हें खुले में पेशाब करने की नौबत आई. वह राज्य को सूखामुक्त बनाने के लिए शुरू किए गए जल संरक्षण कार्यक्रम, जलयुक्त शिवार के क्रियान्वयन का निरीक्षण करने के लिए दौरे पर थे.

शिंदे ने कहा, 'मैं जलयुक्त शिवार कार्यक्रम के कार्यान्वयन का जायजा लेने के लिए जा रहा था. आसपास में कहीं शौचालय नहीं था, इसलिए मुझे खुले में पेशाब करना पड़ा.'

हालांकि विपक्षी दलों ने मंत्री की आलोचना की है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी खुले में पेशाब करने पर जमकर आलोचना की जा रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि मंत्री का यह कार्य बताता है कि सरकार का स्वच्छ भारत अभियान विफल रहा है.

मलिक ने कहा, 'प्रधानमंत्री कैसे आमलोगों से अनुशासन का पालन करने की अपेक्षा रखते हैं, जबकि उनके अपने ही नेता अनुशासित नहीं हैं. इससे साबित होता है कि ईंधन पर सरकार स्वच्छ भारत अभियान उपकर लगाकर लोगों को लूट रही है.'

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आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने भी खुले में पेशाब करने के लिए मंत्री की निंदा की. प्रीति ने अपने एक सुगठित ट्वीट में लिखा है, 'वे लोग तो आपके ही मंत्री राम शिंदे के लिए लड़ रहे हैं, जो खुले में पेशाब कर रहे थे. बहरहाल, क्या आपके अधिकारी उनको माला पहनाएंगे और उसी तरह लज्जित करेंगे, जिस तरह वे गरीब महिलाओं को करते हैं.'

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