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पुणे सड़क हादसे का नया CCTV आया सामने, देखें कैसे नशे में एक नाबालिग ने ले ली दो इंजीनियरों की जान

पुणे सड़क हादसे का वीडियो सामने आया है. जिसमें दिख रहा है कि कैसे एक नाबालिग ने कार चलाते हुए दो इंजीनियरों की जान ले ली. वहीं, इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई. इस दौरान कोर्ट ने उसे घटना पर निबंध लिखने की सजा दी है. इस आदेश के खिलाफ पुणे सीपी अमितेश कुमार जिला न्यायालय में अपील करने की बात कही हैं.

हादसे में दो लोगों की गई जान. हादसे में दो लोगों की गई जान.
ओमकार
  • पुणे,
  • 20 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:34 PM IST

महाराष्ट्र के पुणे सड़क हादसे का वीडियो सामने आया है. जिसमें दिख रहा है कि कैसे एक नाबालिग ने कार चलाते हुए दो इंजीनियरों की जान ले ली. इस हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके साथी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने कार ड्राइवर के खिलाफ येरवडा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया था.

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इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई. इस दौरान कोर्ट ने उसे घटना पर निबंध लिखने की सजा दी है. इस आदेश के खिलाफ पुणे सीपी अमितेश कुमार जिला न्यायालय में अपील करने की बात कही हैं.

ये भी पढ़ें- Pune: नशे में पोर्श कार से ले ली दो इंजीनियरों की जान, कोर्ट से मिली निबंध लिखने की सजा  

मामले में पुणे सीपी ने कही ये बात

अमितेश कुमार ने बताया, आईपीसी 304 के तहत मामला दर्ज किया गया है. नाबालिग होने के कारण कोर्ट में अर्जी दी गई कि नाबालिग पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाए. कोर्ट ने परिमिशन रिजेक्ट की है. आज हम उस आदेश के खिलाफ जिला न्यायालय में अपील कर रहे हैं और अदालत के आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. 

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देखें वीडियो...

'नाबालिग ने शराब पी थी, CCTV फुटेज से साफ'

नाबालिग के पिता और उसे शराब पिलाने वाले के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया गया है. नाबालिग लड़के ने शराब पी रखी थी, ये बात सीसीटीवी फुटेज से साफ हो गई है. कार उसके पिता के नाम पर थी. उसपर नंबर प्लेट क्यों नहीं थी? नंबर प्लेट कब जारी की गई थी? अस्थायी नंबर प्लेट कितने समय तक चली और कार किन परिस्थितियों में गैराज से बाहर निकली? इन सभी विषयों पर हम जांच कर रहे हैं.

'आरोपी के माता-पिता को कोर्ट में ले जाना चाहिए'

वहीं, मृतक अनीस दुधिया के चाचा अखिलेश अवधिया ने आजतक को बताया कि यह केस वास्तव में 304A का है. पुलिस ने गलत विवेचना की है.  बेल की कंडीशन हास्यापद है. नए एक्ट के मुताबिक 7 साल की सजा है. महाराष्ट्र में पुलिस बिक चुकी है. 304A के तहत आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. आरोपी 3 करोड़ की कार चलाता है.

यदि कोई आम आदमी होता, तो फंस जाता. बिजनेस टाइकून का बेटा है, इसलिए छूट गया. उसने पहले भी एक्सीडेंट किया था, लेकिन तब भी छूट गया और इस बार भी छूट गया है. आरोपी ने दो सॉफ्टवेयर इंजिनियर की हत्या की है. यह तो मानव बम है. आोरपी को इस तरह छोड़ दिया जाता है, ये तो कल किसी और भी मार जाएगा.  पिता ने कैसे गाड़ी दी. उनके माता-पिता को कोर्ट में ले जाना चाहिए.  3 करोड़ की गाडी कैसे दी पूछा जाना चाहिए.

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