
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति और कारोबारी दीपक कोचर को गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. दीपक को मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत आईसीआईसीआई बैंक- वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने सितंबर में गिरफ्तार किया था.
बता दें कि इसी साल फरवरी में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर को भी अग्रिम जमानत मिल गई है. चंदा कोचर को 5 लाख रुपये के बांड और बिना अनुमति विदेश यात्रा न करने की शर्त पर जमानत मिली है. चंदा कोचर पर वेणुगोपाल धूत को लोन देने के एवज में घूस लेने का आरोप है. चंदा कोचर के वकील विजय अग्रवाल ने जमानत की पुष्टि की है.
क्या है मामला
आरोप है कि दीपक कोचर की फर्म न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 2010 में 64 करोड़ रुपए वीडियोकॉन ग्रुप और 325 करोड़ मैट्रिक्स फर्टिलाइजर के द्वारा निवेश किए गए थे. ये निवेश ICICI बैंक से लोन मिलने के तुरंत बाद किया गया था. ईडी का आरोप है कि 7 सितंबर 2009 को 300 करोड़ रुपये का ऋण कंपनी को मिला और उसके अगले ही दिन आरोपी धूत ने 64 करोड़ रुपये की राशि न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड को भेज दी. इस कंपनी का प्रबंधन आरोपी चन्दा कोचर के पति दीपक कोचर अपनी दूसरे कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से करते हैं.
जांच एजेंसी उन सभी लोन्स की जांच कर सकती है जो चंदा कोचर ने ICICI बैंक प्रमुख रहते हुए कंपनियों को दिए थे. इससे पहले ईडी ने चंदा कोचर से संबंधित संपत्ति भी अटैच की थी. शक के घेरे में वीडियोकॉन लोन केस से संबंधित सभी चीजों को ईडी ने अटैच कर लिया था. इसके अलावा ईडी ने कोचर की करीब 78 करोड़ रुपए की संपत्ति भी अटैच की है. चंदा कोचर और बैंक के अन्य आठ लोगों पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में लापरवाही का आरोपी बनाया गया है.